गया। जिले भर में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। गया के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भगवान राम ने एक वाण से रावण का वध कर दिया. रावण, कुंभकरण और मेघनाद का जैसे ही वध हुआ उनके प्रतीकात्मक स्वरूप पुतले धू-धू कर जल उठे। पूरा मैदान पर जलकर आग की चिंगारियां पड़ रही थी।
50 फुट ऊंचा रावण का पुतला 20 सैकंड में जलकर राख हो गया। शाम को जैसे ही सुर्यास्त हुआ पुतले को आग लगाते ही आतिशी धमाके गूंज उठे। बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर दशहरे का पावन पर्व रावण दहन के साथ संपन्न हो गया। रावण वध के दौरान पुरा गांधी मैदान सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था। हर बैरिकेडिंग पॉइंटस पर पर्याप्त पुलिस के जवान लगाए गए थे। पुतले को आग लगाते ही शोर शराबा होने लगा। दर्शकों ने पुतला दहन आतिशबाजी का जमकर आनंद लिया।
पुतला दहन देखने के लिए आस पास के मकानों की छतों पर भी लोगों की भीड़ रही। हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों ने इसका लुत्फ उठाया। पूरा गांधी मैदान महिलाओं, पुरूषों और बच्चों से भरा हुआ था। रावण कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही लोग जाकर जम गए।
रावण वध से पूर्व शहर के आजाद पार्क से पूरे गाजे-बाजे के साथ पारंपरिक विशाल जुलूस निकाला गया. जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरा और गांधी मैदान तक पहुंचा. गांधी मैदान में रावण वध को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। वहां मौजूद लोग राम की जयजयकार कर रहे थे।
ज़िला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम, वरीय पुलिस अधीक्षक सहित सभी प्रशासन के वरीय अधिकारियों अपने उपस्थिति में एक एक लोगो पर नजर जमाये रहे, जब तक पूरा मैदान खाली नही हुआ तब तक वही मौजूद रहे।ज़िला पदाधिकारी ने आयोजन समिति को धन्यवाद दिया कि काफी अच्छे तरीके से रावण दहन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उन्होंने ज़िला प्रशासन के तमाम पदाधिकारियों, पुलिस के सभी पदाधिकारियों, तमाम पुलिस बल तथा आयोजन समिति के सभी सम्मानित सदस्यों, गया जिले के सम्मानित बुद्धिजीवियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक गांधी मैदान में काफी सफलतापूर्वक भीड़ को नियंत्रण करने रावण वध कार्यक्रम को काफी अच्छे से संपन्न कराने के लिए आप सभी का धन्यवाद है।
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