नवादा। छोटे भाई और उसके गुर्गो के जानलेवा हमले से गंभीर रूप से घायल बड़े भाई की सोमवार को मौत हो गई, जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष है। मामले में पुलिस की शिथिलता से नाराज ग्रामीणों ने लाश के साथ हसुआ का मुख्य चौराहा जाम कर दिया और थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मालूम हो कि हिसुआ थाना के कहरिया गांव में छोटे भाई सुनिल चौधरी ने अपराधियों को बुलाकर 19 दिसंबर को अपने बड़े भाई राजेंद्र चौधरी पर जानलेवा हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के बाद घायल बड़े भाई को रविवार को पावापुरी मेडिकल कॉलेज से छुट्टी मिली थी। घर पहुंचने के बाद छोटा भाई अपने बड़े भाई को गाली गलौज कर दोबारा पिटाई की धमकी दे रहा था। इससे सदमे में उसकी मौत हो गई।
मृतक का बेटा उपेंद्र चौधरी ने बताया किउनके छोटे चाचा सुनील चौधरी ने 19 दिसंबर को बाहर से बुलाकर पांच अपराधियों के सहयोग से लाठी डंडे से जानलेवा हमला किया था ।जिसमें उसके पिता का सिर फट गया था। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा नहीं लगाई थी ।जिस कारण हमलावर खुलेआम घूम रहा था। उनके पिता को गंभीर हालत में पावापुरी मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया था। जब उन्होंने सुना कि हमलावरों ने पुलिस की मिलीभगत से जमानत करा ली है। हमलावरों ने फिर से जान मारने की धमकी दी थी। इस सदमे में उनकी मौत हो गई ।
पुलिस की शिथिलता से नाराज ग्रामीणों ने सोमवार को लाश के साथ हसुआ का मुख्य चौराहा जाम कर दिया। एसपी से थाना प्रभारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है ।ग्रामीणों का आरोप है हिसुआ का थानेदार दलालों के गिरफ्त में रहकर प्रतिदिन लाखों की कमाई करता है ।सही तरीके से प्राथमिकी भी दर्ज नहीं किए जाते हैं। रुपए लेकर यथोचित धाराएं भी नहीं लगाई जाती ।अगर सही प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होती, तो शायद आज एक निर्दोष की जान नहीं जाती। मृतक टायर का पंचर बनाकर अपने परिजनों का पालन पोषण करता था। आज उस घर का सब कुछ खत्म हो गया है ।एसपी से भ्रष्ट थाना प्रभारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी भी की गई।