काबुल।
अफगानिस्तान में तेजी से बढ़ते तालिबानी लड़ाके के दबाब में आखिरकार वहां की गनी सरकार ने घुटने टेक दिया है। अफगान आंतरिक मंत्रालय के हवाले से आ रही जानकारी के अनुसार राजधानी काबुल को हर तरफ से घेरने के बाद तालिबान ने शहर में घुसना शुरू कर दिया है। तालिबान ने काबुल से जाने वाले रास्तों को अपने कब्जे में ले लिया है जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है। अफगान अधिकारी ने बताया है कि तालिबान के नंबर-2 नेता मुल्ला बरादर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सत्ता हस्तांतरण के लिए बात कर रहे हैं। तालिबान ने सबको घर पर ही रहने की धमकी देकर कहा है कि कोई देश छोड़ने की कोशिश भी ना करे। अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण में अब काबुल समेत देश की 34 में से सिर्फ सात प्रांतीय राजधानियां ही शेष बची हैं। इससे पहले शनिवार को तालिबान ने जलालाबाद शहर पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद काबुल ही बड़ा शहर बचा था जो तालिबान के आतंक से सुरक्षित माना जा रहा था।
राष्ट्रपति भवन में शांति से सत्ता सौंपने की तैयारी
तालिबान के नंबर-2 नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरदार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सत्ता हस्तांतरण के लिए बात कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान सरकार के सरेंडर करने के बाद तालिबान के अब्दुल गनी बरदार अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति होंगे। तीन अफगानी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि तालिबान के आतंकी काबुल की सीमाओं में दाखिल हो गए हैं। इससे पहले तालिबान ने सभी बॉर्डर क्रासिंग को कब्जे में ले लिया है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जकवाल ने कहा, सत्ता परिवर्तन शांतिपूर्वक ढंग से होगा। राष्ट्रपति भवन में शांति से सत्ता सौंपने की तैयारी चल रही है।
सत्ता परिवर्तन आराम से हुआ तो जान-माल का नुकसान नहीं
तालिबान ने एक बयान में कहा है कि अगर सत्ता परिवर्तन आराम से हो जाता है तो किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं किया जाएगा। फिलहाल तक किसी तरह का संघर्ष वहां सीमा पर नहीं हो रहा है। तालिबान के आतंकी काबुल के कलाकान, काराबाग और पगमान जिलों में पहुंच गए हैं। तालिबान ने सबको घर पर ही रहने की धमकी देकर कहा है कि कोई देश छोड़ने की कोशिश भी ना करे। तालिबान ने अफगानिस्तान में विदेशियों से कहा कि वे चले जाएं या उग्रवादियों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। महिलाओं से संरक्षित क्षेत्रों में जाने का आग्रह किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि विद्रोहियों के राजधानी के बाहरी इलाके में प्रवेश करने के बाद समूह काबुल के “शांतिपूर्ण आत्मसमर्पण के लिए” अफगान सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “इस्लामिक अमीरात ने अपने सभी बलों को काबुल के द्वार पर खड़े होने का निर्देश दिया है न कि शहर में प्रवेश करने की कोशिश करने के लिए।
रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बुलाई बैठक
रूस ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। रूस का कहना है कि अफगानिस्तान की चिंताजनक स्थिति में अमेरिका का एक और प्रयोग विफल हुआ है। रूस ने अपने एसएफ को अफगान सीमाओं के पास हथियार से लैस करके तैनात किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 20 साल पहले बेदखल किए जाने के बाद रविवार को तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के सबसे करीब आ गया। अफ़ग़ान सरकार का पतन एक ख़तरनाक गति से हुआ, जिससे अधिकांश सहयोगी स्तब्ध रह गए क्योंकि वे अपने अधिकारियों और नागरिकों को देश से निकालने के लिए कोशिश कर रहे थे।
ब्रिटेन सरकार ने अपने राजदूत को एयरलिफ्ट करने का फैसला किया
अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटों बलों की वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है। तालिबान ने पिछले सप्ताह में अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद अफगानिस्तान की केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है। उधर, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है। ब्रिटेन सरकार ने अपने राजदूत को एयरलिफ्ट करने का फैसला किया है।
तालिबान ने सबसे बड़ी बगराम जेल पर कब्जा किया
तालिबान ने सबसे बड़ी बगराम जेल पर कब्जा कर लिया है। यहां बंद तालिबानी कैदियों को मुक्त कर दिया गया है। इसे अमेरिका द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था लेकिन एक जुलाई के बाद यह अफगानिस्तान सेना के नियंत्रण में आ गई थी।