लातेहार। दो लाख का इनामी जेजेएमपी नक्सली संगठन का सब जोनल कमांडर संजय प्रजापति ने शनिवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। वह 2013 से जेजेएमपी से जुड़कर नक्सली घटनाओं को अंजाम देता था। आत्मसमर्पण के मौके पर पलामू प्रमंडल के डीआईजी राजकुमार लकड़ा, एसपी अंजनी अंजन और सीआरपीएफ 214 बटालियन के कमांडर ऋषि राज सहाय ने उसे बुके देकर सम्मानित किया।
डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि संजय प्रजापति जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह गांव का रहने वाला है। वर्ष 2013 से वह उग्रवादी संगठन जेजेएमपी से जुड़कर नक्सली घटनाओं को अंजाम देता था। इस दौरान उस पर छिपादोहर थाना क्षेत्र में दो नक्सली घटनाओं का प्राथमिकी भी दर्ज है। इसी बीच झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर उसने आत्मसमर्पण करने की योजना बनाई। शनिवार को उसने आत्मसमर्पण कर दिया। डीआईजी ने कहा कि सरकार की नई दिशा के तहत प्रभावित होकर संजय प्रजापति ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का कार्य किया है। डीआईजी ने कहा कि नक्सली आत्मसमर्पण करें और सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाएं। वहीं एसपी अंजनी अंजन ने भी अन्य नक्सलियों को संदेश देते हुए कहा है कि सरकार के इस महत्वकांक्षी नई दिशा कार्यक्रम का लाभ लेकर उग्रवाद जैसी घिनौने कार्य को छोड़े और मुख्यधारा में लौट कर देश के विकास में योगदान दें।
नौ वर्षों तक नक्सली संगठन से जुड़ा रहा संजय प्रजापति
वहीं आत्मसमर्पण करने वाले संजय प्रजापति ने कहा कि लगभग नौ वर्षों तक नक्सली संगठन से जुड़ कर रहने के दौरान वह हमेशा तनाव में रहता था। परिवार से मिलने में डर लगा रहता था । पूरा जीवन हमेशा खतरे और तनाव में रहा । इसी बीच परिवार के सदस्यों तथा पुलिस अधिकारियों के उत्साहवर्धन के बाद उसने सरकार के नई दिशा कार्यक्रम से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि अपने सभी साथियों से वह अपील करना चाहते हैं कि उग्रवाद जैसे घिनौने कार्य को छोड़कर मुख्यधारा में लौटे।