पटना। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) पटना ने शुक्रवार को समस्तीपुर के सब-रजिस्ट्रार मणि रंजन के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति जमा करने के मामले में तीन जगह पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान लगभग 60 लाख रुपये नगद, 32 लाख रुपये का एक फ्लैट का दस्तावेज, पत्नी सुनिता के नाम पर 5.5 लाख रुपये का एक प्लॉट, 1.5 करोड़ रुपये का 2.5 कट्ठा जमीन सहित करोड़ों की बेनामी संपत्ति की जानकारी मिली है। बता दें कि 16 दिसंबर काे पटना के निगरानी थाने में मणिरंजन के खिलाफ आय से अधिक संपति को लेकर मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद निगरानी की विशेष कोर्ट ने सर्च वारंट के आधार पर छापेमारी की कार्रवाई की गई।
एसवीयू सुबह आठ बजे पटना के बिस्कोमान भवन के पास स्थित फ्लैट, मुजफ्फरपुर के पैगंबरपुर स्थित पैतृक आवास और समस्तीपुर के आवास पर एक साथ रेड मारा। इसमें लाखों रुपये नकदी, ससुर के नाम पटना में एक फ्लैट का पता चला। अर्जित सम्पत्ति में कई लाख की ज्वेलरी, फिक्स डिपोजिट, भारतीय जीवन बीमा एवं रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश के प्रमाण मिले है। साथ ही एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैक, सेन्ट्रल बैक, स्टैंर्ड चार्टड बैक में कई फिक्स डिपोजिट, प्रीमियम पांच लाख रुपये भारतीय जीवन बीमा, टाटा फायनांस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी में तथा रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश के प्रमाण मिले है। प्राप्त कागजातों से प्रथम दृष्ट्या प्राथमिकी में लगाए गए आरोप की पुष्टि होने के साथ यह भी पता चला है कि उनके द्वारा अर्जित की गई सम्पत्ति लगाये गये आरोप से लगभग दोगुना है।
सब-रजिस्ट्रार के समस्तीपुर आवास से भी 1.5 लाख नकदी, आठ लाख रुपये का कागजात, वाहनों में स्कार्पियो, मनजा कार, हॉन्डा ऑमेज, टाटा नैक्सॉन मिले हैं। उसके मुजफ्फपुर आवास से 12 लाख नकदी बरामद एवं बह्मपुरा में करोड़ों रुपये के 21 कमरे का बिनायक होटल 2019 से बन रहा है जो फाइनल स्टेज में है। इसके अलावा 22 लाख की दुकान, जिसमें दो सैलून चल रहा है। एक कम्पनी जगुसाह नाम से चल रहा है। कटिहार में तीन प्लॉट तथा तीन दुकान जहां वह पदस्थापित थे, वहां करोड़ों रुपये का पत्नी एवं रिश्तेदारों के साथ निवेश तथा फर्जी कम्पनी बनाकर काले कमाई का वैध किये जाने की कोशिश भी की है। यहां तक कि ड्राइवर के नाम दो लाख का इनकम टैक्स रिटर्न भरते आ रहे है।
जानकारी के अनुसार अबतक इस बात के प्रमाण मिले है कि सब-रजिस्ट्रार ने अपने और अपने परिजनों के नाम करोड़ों रुपये का निवेश किया है। सबसे अधिक निवेश उनके कटिहार पदस्थापन के दौरान किया गया है, जिसपर अनुसंधान किया जायेगा। अनुसंधान में कई अवैध धनार्जन से सम्बन्धित जानकारी मिलने की संभावना है।