नई दिल्ली।
भारतीय व चीनी सैनिको के बीच पैगाॅन्ग झील के दक्षिण इलाके में हुई झड़प के बाद एलएसी पर तनाव वार मोड़ में है। झड़प 29-30 अगस्त की रात को हुई थी। रात के अंधेरे में 500 से अधिक चीनी सैनिक घुसपैठ करने के प्रयास में थे, जिसे भारतीय सैनिको ने नाकाम कर दिया। चीनी सैनिको के साथ टैंक और गोला बारूद भी थे। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय घुसपैठ की बात मानने से इंकार कर रहा है। वहीं भारत ने अपने बयान में कहा है कि चीनी सेना ने समझाैते को तोड़ा है और लद्दाख के पास हालत बदलने की कोशिश में घुसपैठ की। इधर विवाद को सुलझाने को लेकर चुशूल में विग्रेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग भी चल रही है तो दूसरी ओर लद्दाख के आस पर चीनी के जे-20 विमान उड़ान भर रहे है। हालांकि चीनी सैनिको की घुसपैठ की कोशिश नाकाम रही है। रात के अंधेरे में घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने पर बौखलाए चीनी सैनिक वार मोड में है। वही भारतीय जवान हर स्थिति का मुकाबला करने के लिए जबरदस्त मोर्चेबंदी कर रखी है। चीनी के धोखेबाजी का इतिहास को देखते हुए भारत किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मुड में नहीं है। मालूम हो कि 15 जून को गलवान घाटी में मारे गए 35 चीनी सैनिको के कब्र की तस्वीर वायरल होने और पीएलए में असंतोश के स्वर से चीन बौखला गया है।