सहरसा। जिले के नवहट्टा प्रखंड के शाहपुर गांव में 26 वर्ष बाद साधु के वेश में परिवार से मिलने आये लापता बेटा को देख परिवार व ग्रामीण हतप्रद हो गये। पिता ने लापता बेटा को वर्षो पहले मृत मान चुका था।जब उसे सामने देखा तो वह फफक कर रो पड़ा। गेरुआ वस्त्र पहन कर घर लौटा बेटा भी अपने आंसू नहीं रोक सका। फिल्मी लगने वाले इस दृश्य को देख कर आस-पड़ोस के सैकड़ों लोग भी भावुक हो गए। पिता के साथ साथ पूरे परिवार के लोगों का खुशियों का ठिकना नहीं रहा। लेकिन कुछ घंटे में साधु बेटा परिवार के लोगों को सिसकियों के बीच छोड़ कर वापस लौट गया।
जानकारी अनुसार नवहट्टा प्रखंड के शाहपुर पंचायत स्थित वार्ड नम्बर 08 निवासी कमलेश्वरी मुखिया वर्ष 1997 ई० में अपने पेट के ऑपरेशन के बाद अचानक लापता हो गया था। उस समय उसकी उम्र महज 18 साल थी। कमलेश्वरी के लापता होने की सूचना उसके पिता फूलचंद्र मुखिया ने स्थानीय थाने में भी दी थी। कई वर्षों तक जब कमलेश्वरी घर नहीं लौटा तो घरवालों ने भी उसे मृत मान लिया था। 18 साल के किशोरावस्था में लापता बेटा अधबेसु होकर अचानक साधु के वेश में भिक्षा मांगने के लिए अपनी पुत्री पूनम के घर सुपौल जिले के परसरमा गांव पहुंचा। उसने अपनी पुत्री को बताया की यदि वह उसे भिक्षा देती है तो उसका महान काम हो जाएगा। यह सुनते ही पुत्री को शक हुआ और वे साधु को अपना पेट दिखाने के लिए ज़िद कर दिया। पेट देखने पर महिला समझ गई की यही साधु इसके पिता हैं।
महिला ने जब साधु से उनके पता के बारे में पूछा तो उसकी तलाश पूरी हो गई और उसके साथ अपने मायके आ गई। मान-मनौव्वल के बीच कमलेश्वरी भीड़ से निकल कर वापस लौट गया। उसने भरोसा दिया कि भिक्षा मांगने वह फिर आएगा। कमलेश्वरी ने अपने पिता को बताया की 1997 में पेट का भारी ऑपरेशन होने के बाद अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से तंग होकर घर से चुपचाप चला गया था।