गोपालगंज। व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह राजेंद्र कुमार पांडेय की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने गुरूवार को एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म का दोषी पात हुए स्कूल के निदेशक को 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। इसके अलावा कोर्ट ने दो लाख रूपए का मुआवजा पीड़िता को देने का भी ओदश दिया है। सजा सुनते ही स्कूल निदेशक सह संचालक विपिन साह कोर्ट में ही फूट फूट कर रो पड़ा। फिर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया गया।

उल्लेखनीय है कि उचकागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत एक स्कूली छात्रा 28 सितंबर, 2019 को दवनापट्टी गांव स्थित निजी विद्यालय में पढ़ने गई थी। विद्यालय में दिन के करीब एक बजे छुट्टी होने के बाद विद्यालय के संचालक विपिन साह ने छात्रा को एक कमरे में बुलाकर ले गया तथा उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। छात्रा ने घटना की जानकारी अपनी मां को दी।
इस संबंध में छात्रा की मां के तहरीर पर उचकागांव थाने में कांड संख्या 236/2019 प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें निजी विद्यालय के संचालक तथा उचकागांव थाना क्षेत्र के डोडापुर गांव के निवासी विपिन साह को नामजद आरोपित बनाया गया। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित निजी विद्यालय के संचालक को गिरफ्तार कर लिया। मुजफ्फरपुर से फोरेंसिंक जांच टीम को बुलाकर घटना की वैज्ञानिक जांच करायी गयी। जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट सौंपा था।
आरोप पत्र दाखिल होने के बाद एडीजे छह सह पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में सुनवाई प्रारंभ की गई। जिसमें बीच अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल लोक अभियोजक दारोगा सिंह ने नौ गवाहों की बयान को दर्ज करायी। गवाहों की ओर से पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध करायी गयी। कोर्ट को प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने एकमात्र आरोपित तथा विद्यालय संचालक विपिन साह को दोषी मानते हुए सजा सुनाया है।