नवरात्रि पर देवी दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन हाथी की सवारी के साथ होगा एवं गमन चरणायुध यानकारी विकला (मुर्गा) पर होगा
Sarhasa: शक्ति की साधना और आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 15 अक्टूबर से होगी। ।शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से 24 अक्तूबर तक रहेगी। जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और अंतिम दिन विसर्जन होता है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे 10 दिनों तक रहेगी।नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापन करते हुए मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा आराधना होगी तथा 21अक्टूबर को महासप्तमी 22 को महाअष्ट्मी,23 को महानवमी,24 को विजयादशमी है।इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन हाथी की सवारी के साथ होगा एवं गमन चरणायुध यानकारी विकला (मुर्गा) पर होगा।नवरात्रि पर दुर्गा उपासना, पूजा,उपवास और मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है।साथ ही दुर्गा सप्तसती का एक अध्याय ही सही,आरती एवं देवी क्षमा प्रार्थना हर घर में होना चाहिए।
कोसी क्षेत्र के चर्चित ज्योतिषाचार्य प. तरुण झा बताते है कि “कलौ चंडी महेश्वरो” इस कलयुग मे देवी (चंडी )और महादेव कि उपासना हमेशा कल्याणकारी होगी। इस बार रविवार को मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब रविवार और सोमवार से नवरात्रि प्रारंभ होती है तो देवी का वाहन हाथी होता है।माता के हाथी पर सवार होने का मतलब है सुख सम्पन्नता बढ़ेगी,वर्षा की सम्भावना बढ़ेगी,साथ ही कई मायनों में शुभ होगा। रोग, शोक दूर होता है। सभी दृष्टिकोण से फलदाई होता है।लेकिन चरणायुध यानकरी विकला (मुर्गा )के गमन के कारण विकलता का द्योतक है। मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार 15 अक्टूबर को देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह सूर्योदय 06.16 के बाद 08.30 सुबह तक़ अति शुभ मुहूर्त माहेंद्र योग है।उसके बाद 10.36 तक़ शुभ मुहूर्त है। उसके बाद 1.27 दोपहर के बाद ही कलश स्थापन करें।
विशेष मंत्र : ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, मंगल कामना के साथ इस मंत्र का जप करें
1.मां शैलपुत्री (पहला दिन)- 15 अक्टूबर रविवार कलशस्थापन
2.मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)- 16 अक्टूबर सोमवार
3.मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन)- 17 अक्टूबर मंगलवार
4.मां कुष्मांडा (चौथा दिन)- 18 अक्टूबर बुधवार
5.मां स्कंदमाता (पांचवा दिन)- 19 अक्टूबर गुरुवार
6.मां कात्यायनी (छठा दिन)- 20अक्टूबर शुक्रवार
7.मां कालरात्रि (सातवां दिन)- 21अक्टूबर शनिवार पत्रिका प्रवेश पूजन,देवी दर्शन के पट खुलेंगे और मध्य रात्री मे निशा पूजा
8.मां महागौरी (आठवां दिन)- 22अक्टूबर रविवार,अष्ट्मी व्रत, दीक्षाग्रहण मुहूर्त
9.महानवमी (नौवां दिन)- 23 अक्टूबर सोमवार,त्रिशूलनीपूजा,कन्या पूजन,हवनादि
10.विजया दशमी :-(दशमी दिन )-24 अक्टूबर मंगलवार,देवी विसर्जन, जयन्तीधारण, नीलकंठदर्शनम