देवेन्द्र शर्मा
रांची। संथाल परगना के साहिबगंज जिले में लगभग एक हजार करोड़ के अवैध उत्खनन की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ईडी की चार सदस्यीय टीम ने आज जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव से लम्बी पुछ ताछ की । यादव अवैध उत्खनन मामले में पहले शीर्ष अधिकारी हैं जिनसे ईडी ने समन जारी कर पुछ ताछ के लिए ईडी के रांची मुख्यालय बुलाकर सवाल जवाब किया है। डीसी आज निर्धारित समय ग्यारह बजे अपनी गाड़ी से ईडी औफिस पहुंचे और प्रवेश द्वार से पैदल अन्दर गये। डीसी यादव काफी तनाव में देखे गये । हालांकि ईडी मुख्यालय के आस पास बड़ी संख्या में सुरक्षाबल के जवान तैनात किये गये थे । परिसर के आस पास से समाचार संकलन में जुटे पत्रकार और छायाकार को भी हटा दिया गया था ।
ईडी के खास सूत्र का कहना है की डीसी ने अधिकांश सवाल के जवाब प्रारम्भ में हां या ना में दे रहे थे परन्तु जब उनसे अभियुक्त के काॅल डिटेल सामने रख कर पुछ ताछ की जाने लगी तो वो परेशान हो गये । सूत्र का कहना है की उपायुक्त ने ईडी को साहिबगंज में अवैध उत्खनन पर जो सुचना दी है उससे जिले के एक शीर्ष अधिकारी समेत एसपी और दो डीएसपी स्तर के अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है । सूत्र का कहना है की उपायुक्त ने ईडी को बताया की जिले में अवैध उत्खनन की देखरेख जिला खनन अधिकारी और विधि व्यवस्था, सुरक्षा का पुलिस विभाग के जिम्मे होता है । मामले की जानकारी इन्ही अधिकारियों के माध्यम से उन तक आती है।अवैध उत्खनन में उनकी सहभागिता अथवा संरक्षण और दिशानिर्देश कहीं से प्राप्त नहीं हुआ ।
ईडी ने अवैध उत्खनन के मास्टर माइंड पंकज मिश्रा से उनका सम्बन्ध की जानकारी चाही
ईडी यह जानने का प्रयास कर रही थी की जिले में बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार संचालन में क्या उनकी खुली छूट दी गई थी अथवा किसी खास दबाव में वो अवैध कारोबारी को खुली छूट दे रखी थी । अवैध खनन के परिवहन से भी उपायुक्त से कई सवाल किये गये ।साहिबगंज गंगा नदी में जहाज दुर्घटना में उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट पर कई सवाल ईडी के अधिकारियों ने किया । ईडी के अधिकारी यह जानना चाह रहे थे की मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन के निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधी पंकज मिश्रा से उनके सम्बन्ध कैसे है ,क्या पंकज मिश्रा उनपर दबाव डालकर अवैध कारोबार करते थे । ईडी ने उपायुक्त श्री यादव से यह पूछा की पंकज मिश्रा क्या लगातार उनसे मोबाईल पर वार्ता करते थे ,पंकज मिश्रा मोबाईल पर उन्हे अवैध माइनिंग में दिशानिर्देश भी दिया करते थे। रांची में जेल और रिम्स में कैदी वार्ड में भर्ती की अवधि में कितनी बार मोबाईल पर बात किया था । पहले त डीसी ने इन्कार किया परन्तु जब उन्हे काॅल डिटेल दिखाया गया तो वो टुट गये ।आज ईडी के समझ जो जवाब उपायुक्त ने दिया उससे कुछ शीर्ष अधिकारी ईडी के जाल में फंसते नजर आ रहे हैं।
मालूम हो कि ईडी ने साहिबगंज अवैध खनन मामले में मुख्य आरोपियों पंकज मिश्रा और उसके सहयोगी बच्चू यादव के खिलाफ ईसीआईआर दर्ज किया है। इस केस में अब कई वरीय अधिकारियो से भी पुछ ताछ होनी है। जेल में रहने के बाद भी पंकज मिश्रा ये दोअधिकारी से लगातार बात कर दिशानिर्देश दे रहा था ।अवैध खनन के आरोप में जेल में बंद पंकज मिश्रा से बात करनेवाले सचिवालय व जिला स्तर के दो दर्जन से अधिक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चिह्नित किया है। इन अधिकारियों में साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा भी शामिल थे। इसी को लेकर ईडी ने डीसी को समन भेजा था और आज ईडी के रांची मुख्यालय में पुछ ताछ की। सूत्र का कहना है की इसके अलावा संबंधित अधिकारियों को पूछताछ के लिए जल्द ही समन जारी किया जायेगा।
डीसी की रिपोर्ट को मनवाने के लिए पंकज मिश्रा ने कमिश्नर को भी किया था फोन
मालूम हो कि मार्च 2022 में साहिबगंज से मनिहारी घाट जा रही नाव में कई गाड़ियां ओवरलोडिंग की वजह से गंगा में डूब गई थी। उस मामले में डीसी रामनिवास यादव ने तत्कालीन दुमका कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप को रिपोर्ट सौंपी थी।उक्त रिपोर्ट में कई तरह की खामियां पाते हुए कमिश्नर ने दोबारा डीसी से रिपोर्ट मांगी थी। तब पंकज मिश्रा ने कमिश्नर को फोन कर कहा था कि जलयान के जरिए ट्रांसपोर्टिंग का पूरा कामकाज उनका ही है, ऐसे में डीसी ने जो रिपोर्ट भेजी है उसे बिना ना-नुकुर किए स्वीकार किया जाए। कमिश्नर ने बाद में ईडी को दिए गवाही में इस बात की पुष्टि की थी। यह मामला भी अवैध खनन और परिवहन से जुड़ा बताया गया है।
संथाल परगना के साहिबगंज जिले में एक हजार करोड़ के अवैध माइनिंग के मास्टर माइंड पंकज मिश्रा समेत आधा दर्जन माफिया फिलहाल वर्तमान समय में राजधानी के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा गृह में बन्द है ।मामले की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी ई डी के द्वारा किया जा रहा।पिछले दिनों साहिबगंज के दो डी एस पी को भी ईडी ने समन जारी किया था परन्तु वो नहीं उपस्थित हुए। झारखंड सरकार ने ईडी को यह स्पष्ट कहा है की ईडी जो मामले की जांच कर रहा है उसके विरूद्ध सरकार सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर किया है इसलिए पुछ ताछ के लिए उन्हे नही बुलाया जाए।