Ranchi News: रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को पद से हटा दिया गया। रिम्स शासी परिषद ने गुरुवार देर रात उन्हें हटाने का आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि डॉ. राजकुमार ने पद पर रहने के दौरान मंत्रिपरिषद, शासी परिषद और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया। डॉ. शशिबाला सिंह को रिम्स का नया अंतरिम प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।

स्वास्थ्य मंत्री सह रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि रिम्सअधिनियम-2002 द्वारा निर्धारित उद्देश्य को पूरा करने में डॉ. राजकुमार की सेवा संतोषजनक नहीं पाई गई। इसलिए उन्हें तीन महीने का वेतन-भत्ता देते हुए तत्काल प्रभाव से निदेशक से पद से हटाया गया है। इस फैसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी अनुमोदन है।उल्लेखनीय है कि डॉ राजकुमार को 31 जनवरी 2024 को राज्य सरकार ने रिम्स निदेशक के पद पर नियुक्त किया था। वह इससे पहले संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ में न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर थे।
बताया जा रहा है कि 15 अप्रैल को रिम्स शासी परिषद की 59वीं बैठक के दौरान डॉ राजकुमार के साथ कुछ मुद्दों पर विवाद हुआ था।डॉ राजकुमार फिलहाल टूर पर हैं और उन्होंने निदेशक का प्रभार डीन डॉ शशिबाला सिंह को सौंपा है। इससे पूर्व भी रिम्स के तीन निदेशक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। डॉ डीके सिंह और डॉ कामेश्वर प्रसाद ने इस्तीफा दे दिया था।
गलत जानकारी देने वाले अधिकारी अब नपेंगे : इरफान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा है कि गलत जानकारी देने वाले अधिकारी अब नपेंगे। जो अच्छा काम करेगा, उसको इनाम भी मिलेगा। मैं यहां मंत्री बनने नहीं, सिस्टम सुधारने आया हूं। डॉ राजकुमार लगातार आदेश की अवहेलना कर रहे थे।झारखंड के स्वस्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बताया कि जीबी मीटिंग के दौरान जब पूरे विभाग का रिव्यू किया गया तो वह खुद चौंक गए। काम की रफ्तार सुस्त, निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे थे।
खास तौर पर रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे थे। उन्होंने मंत्री परिषद, शासी परिषद और विभाग द्वारा जारी निर्देशों की न सिर्फ अनदेखी की बल्कि जवाबदेही से भी पल्ला झाड़ा, जो उन्हें पद से हटाने का कारण बना।वहीं, रिम्स निदेशक पद से हटाए जाने को लेकर डॉ राजकुमार ने संपर्क करने पर बताया कि मुझे पत्र मिला है, जिसमें मुझे हटाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि अभी वह दिल्ली में हैं। यह पत्र क्यों मिला, क्या कारण है, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं उन्हें नहीं है।
बाबूलाल मरांडी ने रिम्स निदेशक की बर्खास्तगी को लेकर सरकार पर बोला हमला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स निदेशक की बर्खास्तगी को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।
मरांडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स पर दावा करते हुए कहा कि विगत दिनों हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार का विरोध करने तथा अनुचित भुगतान के आदेश को न मानने के कारण डॉ. राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से हटाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाबूलाल ने कहा कि जानकारी मिली है कि शासी परिषद की हालिया बैठक में निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों को बिना किसी अनुबंध के करोड़ों रुपये का भुगतान करने का दबाव स्वयं स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय सचिव की ओर से रिम्स निदेशक पर डाला जा रहा था। इस दौरान विभागीय सचिव ने शासी परिषद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने की कोशिश की। अनुचित भुगतान का दवाब नहीं मानने के साथ ही निदेशक ने उस बैठक में अपने इस्तीफा तक दे देने की बात कह दी थी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब सरकार ने रिम्स निदेशक को पद से हटाकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि रिम्स में भ्रष्टाचार का खेल यूं ही चलता रहेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिछले कार्यकाल में भी अनुचित दवाब नहीं मानने के चलते रिम्स के कई निदेशकों को समय पूर्व इस्तीफा देकर यहां से जाना पड़ा। यदि सरकार को गवर्निंग बॉडी की सलाह नहीं माननी, तो फिर औपचारिकता की बैठक करने से बेहतर इसे भंग कर देना ही उचित होगा।उन्होंने कहा कि अत्यंत दुखद है कि हेमंत सोरेन ने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को अपने संगठित भ्रष्टाचार का केन्द्र बना दिया है।