Ranchi: राज्यपाल सी०पी० राधाकृष्णन ने कहा कि हमारे इतिहास में कई ऐसी महिलाएं का उल्लेख मिलता है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किए। आज हमारे देश की महिलाएं प्रगति के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और अपने उल्लेखनीय योगदान से देश-विदेश में नाम रौशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति में भी महिलाओं का बहुत आदर व सम्मान था। महिलाएं सदैव हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक लोकाचार प्रणाली की रीढ़ रही हैं। वे शुक्रवार को पूर्वी भारत में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और महिला समूहों की भूमिका विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन का आयोजन जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस) में सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (सी3), जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस) एवं द इंडियन एसोसिएशन फॉर वोमेंस स्टडीज (आईएडब्लूएस) ने संयुक्त रूप से किया।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में देश के राष्ट्रपति पद को द्रौपदी मुर्मु, जो झारखण्ड राज्य की राज्यपाल भी रह चुकी हैं और यहां के लोगों के हृदय में है, द्वारा सुशोभित करना महिला सशक्तिकरण का हमारे देश में एक सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के सशक्तिकरण का सशक्त साधन है। इसलिए प्रत्येक बालिका को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि एक लड़का शिक्षा प्राप्त करता है, तो वह अकेला शिक्षित होता है, लेकिन अगर किसी परिवार में एक लड़की शिक्षा ग्रहण करती है, तो पूरे परिवार को लाभ होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में लैंगिक भेद-भाव के उन्मूलन और बालिका शिक्षा में सुधार हेतु ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’ महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि महिला समूहों ने लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, स्वयं सहायता समूह भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, सामाजिक एकता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस) के निदेशक डॉ० जोसेफ एम० कुजूर, सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (सी3) की कार्यकारी निदेशक डॉ० अपराजिता गोगोई, द इंडियन एसोसिएशन फॉर वोमेंस स्टडीज (आईएडब्लूएस) की अध्यक्षा प्रो० इशिता मुखोपाध्याय आदि ने भी इस राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।