.आदिवासी समुदाय और महिलाओ पर किये जा रहे दमन चक्र निंदनीय है
Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सह प्रवक्ता सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर में सरकार के द्वारा संरक्षित धोर दमन ,हत्या, आगजनी और व्यभिचार की घटना देश के लिए शर्मसार करने वाली है।यह अत्याचार महिलाओ के साथ साथ आदिवासियों पर ही हो रहे है। झारखंड मुक्ति मोर्चा केन्द्र से यह मांग करती है कि अविलंब मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर मणिपुर के मुख्य मंत्री के खिलाफ हत्या ,व्यभिचार समेत सुनियोजित दंगा कराने का मामला दायर कराये ।
भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर की घटना कोई अप्रत्याशित घटना नही है यह भाजपा के द्वारा एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत रचा गया है ।उन्होने कहा कि अब तक 170 आदिवासी समुदाय के लोगो को मार डाला गया है । सैकडों लोगो को जिंदा जला कर खत्म कर दिया गया है।आदिवासी महिलाओ को नंगा कर घुमाया जाता है और बलात्कार के बाद हत्या की जा रही । इसके बाद भी केन्द्र की असंवेदनशील सरकार मौन धारण कर नजर अंदाज कर रही है यह दुखद है। मणिपुर में हजारो हजार मकान को जलाने का अभियान भाजपा के इशारे पर हो रहा है।
भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधान मंत्री और गृह मंत्री की चुप्पी सारे रहस्य का पर्दा खोलकर रख दिया है। देश ने भाजपा की कथनी करनी की पहचान कर ली हो। देश आगामी 2024 के चुनाव में इनका जवाब देने का संकल्प ले लिया । उन्होने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्य में छोटी मोटी घटना पर केन्द्र और उनकी पार्टी तुफान कर देती है परन्तु भाजपा शासित राज्य यु पी ,मध्यप्रदेश या अन्य कही भी बड़ी सी बड़ी घटना न त सरकार को दिखाई देती है और न ही उनका बयान आता है ।उन्होंने भाजपा की महिला मोर्चा और बाबूलाल मरांडी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस वक्त जब मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे तब भाजपा महिला मोर्चा कहां हैं? बाबूलाल मरांडी चुप क्यों हैं?
भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर की घटना जिस प्रकार हो रही है उससे देश ही नही विदेश में यह चर्चा जोरो पर है।सवाल यह है कि मणिपुर क्या केन्द्र के अधीन नही आता है ,आखिर सरकार पुरी तरह फेल है या देश संचालन में विफल हो चुकी है।इस स्थिति में केन्द्र को खुद त्यागपत्र दे देना चाहिए।उन्होने कहा कि मणिपुर की घटना क्षमा योग्य नही है।केन्द्र यदि सरकार को बर्खास्त नही करती है त सम्पूर्ण विपक्ष आर पार की लड़ाई जनता की अदालत में लेकर जायेगी।