36 आरोपितों की सजा के बिंदु पर सुनवाई 1 सितम्बर को
Ranchi: चारा घोटाले के कांड संख्या (आरसी 48ए/96) डोरंडा कोषागार मामले में सोमवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। अवैध निकासी मामले में कुल 124 आरोपितों में से 53 को तीन साल एवं तीन साल से कम की सजा हुई है, जबकि 35 आरोपितों को बरी कर दिया गया है। साथ ही 36 आरोपितों की सजा के बिंदू पर एक सितम्बर को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने जिन 35 लोगों को बरी किया है उनमें त्रिवेणी पासवान, जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, चंद्र किशोर लाल, कामेश्वर प्रसाद यादव, मनोज कुमार सिन्हा, रमन कुमार सिन्हा, उमाशंकर यादव, ओम प्रकाश सिन्हा, चंद्रशेखर सिन्हा, अजय कुमार सिंह, वेंक्टेश्वर नाथ पांडेय, रामसेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत बिहारी लाल, हरीश कुमार खन्ना, कैलाश मणी कश्यप, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, कुमार अनिता प्रसाद, मो एकराम, मो हुसैन, मो सनवाल हक,सैरु निशा, चंचेला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, राम अवतार शर्मा, रिमा, अपॉनिता कुंडू और मधु पाठक शामिल है।
इन 36 आरोपितों की सजा पर एक सितम्बर को सुनवाई
नियानंद कुमार सिंह, डॉ जुनुल भेंगराज, डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद, डॉ राधा रमण सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रविन्द्र कुमार सिंह, डॉ फणीन्द्र कुमार त्रिपाठी, महेन्द्र प्रसाद, देवेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, बृजेश्वरी प्रसाद सिन्हा, अजय कुमार सन्हा, राजन मेहता, रवि नंदन कुमार सिन्हा, राजेन्द्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपाठी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, सुरेश दूबे, मो सईद, मो मौहिद, संजय कुमार, रामा शंकर सिंह, उमेश दूबे, अरुण कुमार वर्मा, अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिन्हा, मोहिन्द्रर सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येन्द्र कुमार मेहता, मदन मोहन पाठक, प्रदीप कुमार।
इन 53 आरोपितों को हुई सजा
डॉ रामेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ अनिल, डॉ कमल किशोर सिंह, डॉ हीरा लाल, डॉ विनोद कुमार, डॉ वीजेन्द्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ विजय शंकर सिंह, परमेश्वर प्रसाद यादव, रविन्द्र कुमार मेहरा, अजय वर्मा, सुनील कुमार सिन्हा, सुधीर कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिंह, नरेश प्रसाद, गणेश दूबे, अनंत मुरारी सिंह, मनीष कुमार, विनय कपूर, शोभा सिंह, दीपक कुमार सिंह, महेन्द्र कुमार सिंह, समीर कुमार, सुरेन्द्र कुमार राय, जॉली श्रीवास्तव, सुधीर कुमार शरण, जगदीश प्रसाद साहू, मुन्नी राय, अनिल कुमार सिन्हा, सूरज गांधी, रविनद्र प्रसाद, नंद्र किशोर अग्रवाल, दयाल मिधा, श्याम सुंदर शर्मा, मंजू बाला जयसवाल, रंजीत सिन्हा, सरस्वती चंद्रा, सुलेखा देवी, जीतेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रदीप कुमार चौधरी, शुभाशीष देव, राजीव कुमार, नंद किशोर प्रसाद, सुधा सिंह, राजेश मेहरा, मनोज कुमार, दीपक कुमार महाजन, सतीश कुमार, सुजीत कुमार, सूरज मल दूबे, गुलशन लाल आजमानी।
यह मामला 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। डोरंडा कोषागार से यह अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दौरान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गई थी। डोरंडा कोषागार मामले में 27 साल चली सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रविशंकर ने इस मामले में कुल 616 गवाहों का बयान दर्ज कराया है।
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