झारखंड को बचाने के लिए भाजपा में हुई शामिल : सीता सोरेन
Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता और जामा विधानसभा सीट से विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। झारखंड चुनाव प्रभारी और राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी और पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने उनका स्वागत किया।
मौके पर सीता सोरेन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। सीता सोरेन ने कहा कि वह मोदी जी की सोच से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ससुर शिबू सोरेन और मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया था। मेरे पति का सपना था कि झारखंड का विकास हो, लेकिन आज उनका सपना चकनाचूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब मैं मोदी जी के परिवार में आ गई हूं। अब मोदी जी के नेतृत्व में अपने पति का सपना पूरा करूंगा।आज देश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जाता रही है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड को झुकाना नहीं, बचाना है। सभी 14 सीटों पर कमल खिलेगा।

बताया जाता है कि सीता सोरेन लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहीं थीं। उन्हें चन्पाई सोरेन मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली थी, जिसका उन्होंने मुखर विरोध किया था। उल्लेखनीय है कि सीता मुर्मू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन की बहू, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। झारखंड की जामा विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक चुनी गईं थीं। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के रूप में नियुक्त किया था। इसके बाद 2014 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और उसी सीट से दोबारा विधायक बनीं। साल 2019 में जामा विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक चुनी गयी।
बता दें कि सीता सोरेन ने आज (मंगलवार, 19 मार्च) सुबह ही JMM से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी छोड़ते वक्त उन्होंने एक बड़ा ही भावुक पत्र जारी किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव और सक्रिय सदस्य हूं। वर्तमान में पार्टी की विधायक हूं। अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा दे रही हूं।
उन्होंने आगे लिखा था कि मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे। उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है। बता दें कि सीता सोरेन झारखंड की जामा सीट से विधायक थी।