जहानाबाद। राज्यसभा सांसद और जाने माने उद्योगपति महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र का निधन रविवार रात दिल्ली में हो गया। वे काफी अरसे से बीमार चल रहे थे।। इससे उनके पैतृक गांव सहित राजनीतिक हलको में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके पैतृक गांव में सोमवार को एक भी चूल्हा तक नहीं जला है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके जाने से गांव के विकास तथा युवाओं के रोजगार अवरूद्ध हुए है। उनका भरपाई मुश्किल है।
वहीं बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने शोक संदेश में लिखा है कि किंग महेंद्र एक कुशल राजनेता और बड़े उद्योगपति थे। उनके निधन से सामाजिक, राजनीतिक और औद्योगिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। वहीं नीतिश कुमार ने दिवंगत किंग महेंद्र के पुत्र राजीव शर्मा और भाई उमेश शर्मा से बातकर उन्हें सांत्वना भी दी। वहीं केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने शोक संदेश में लिखा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद किंग महेंद्र जी के निधन का दुखद समाचार मिला है। उन्होंने शोकाकुल परिजनो को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की। इसके साथ ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सहित जदयू नेताओं ने गहरा शोक जताया है।
मालूम हो कि जिले के धोसी थाना क्षेत्र के ओकरी ओपी के गोविंदपुर गांव में जन्में किंग महेंद्र पढ़ाई पूरी करने के बाद एक दवा कंपनी के एमआर के रूप में काम किया था। बाद में वे खुद दवा कंपनी एरिस्टो फार्मा के मालिक बन बैठे। वर्ष 1963 में राजनीति जीवन की शुरूआत की। 1989 के दशक में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने और अंत तक किसी न किसी रूप से सांसद बनते रहे। उन्होंने कई ग्रामीण क्षेत्रो में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया और इलाके के बहुत सारे युवाओं को रोजगार भी दिया। गरीब किसान के घर पैदा हुए किंग महेंद्र की उद्योगपति के रूप में पहचान देश दुनिया में थी।