New Delhi कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आज (शुक्रवार को) बड़ा झटका लगा है। मानहानि के आपराधिक मुकदमे में सूरत अदालत से दो साल की सजा के फैसले के 24 घंटे बाद उन्हें संसद की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया गया। इस मामले में सत्ता पक्ष और समूचे विपक्ष के बीच घमासान मचा हुआ है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 102 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की अदालत ने गुरुवार को एक मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला किया, जो 23 मार्च 2023 से प्रभावी हो गई है।
सूरत की अदालत ने राहुल के मोदी सरनेम वाले बयान पर दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साथ ही साथ राहुल को जमानत भी दे दी। कोर्ट ने इसके अलावा सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। वर्ष 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर बयान दिया था। राहुल ने कहा था कि ‘सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल के इस बयान के बाद सूरत पश्चिम सीट के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल ने मोदी समुदाय का अपमान किया।
कांग्रेस ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने का विरोध किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। कांग्रेस डरने या चुप रहने वाली नहीं है।
रमेश ने कहा कि अडाणी प्रकरण में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है। यह गलत है। कांग्रेस कानूनी और राजनीतिक लड़ाई जारी रखेगी।