किशनगंज। बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला मुख्य परिवहन अभिकर्ता के कार्य को लेकर निकाली गई निविदा का मामला तुल पकड़ रहा है। दरअसल अवैध रूप से संविदा आवंटन के आरोप है। निविदा में अनियमितता को लेकर डीएम कार्यालय में एक शिकायतकर्ता अभिषेक कुमार सिंह ने आवेदन दिया है। इस पर डीएम ने आरोपो की जांच का आदेश दे दिया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि संविदा लेने में प्रयुक्त कागजात फर्जी और त्रुटिपूर्ण है। जानकारी अनुसार दो अभिकर्ताओं ने संविदा लेने के लिए कुछ ब्लैक लिस्टेड ट्रको की सूचि दी थी। साथ में 30-43 वर्ष पुराने वाहनो को भी सूचि में डाला गया।
इतना ही नहीं एमवीआई पूर्णिया का हस्ताक्षर भी भिन्न होने का आरोप लगाया गया है की एक ही अभिकर्ता को पिछले 13 सालों से संविदा मिलने सहित कई अन्य आरोपी भी लगाये गए है। मामले को लेकर शिकायतकर्ता अभिषेक कुमार सिंह ने डीएम को जो आवेदन दिया है उसमें कई गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने आवेदन में बताया है कि संविदा संख्या एनआईटी 01/22-23 में दो अभिकर्ताओं को चयनित किया गया है, जिसमें मो० इमरान व तनवीर अहमद शामिल है। उन्होंने बताया कि कुछ ट्रक द्वारा संविदा के कई नियमों का भी उल्लंघन किया गया है और पूर्व की तरह एमबीआई की बजाय डीटीओ के द्वारा अभिप्रमाणित किया गया है। वहीं कई ट्रक जो ब्लैक लिस्टेड हैं। उनके फिटनेस का नवीनीकरण नहीं किया गया है।
अभिषेक कुमार सिंह ने मामले को लेकर डीएम से जांच कर कार्रवाई की मांग की है। जांच की मांग को लेकर शिकायतकर्ता ने सचिव बिहार राज्य फूड एंड सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन, आयुक्त पूर्णिया, डीएम किशनगंज, डीडीसी, एडीएम, डीटीओ, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सहित अन्य को आवेदन दिया है। वही बिहार राज्य खाद्य निगम एवं सिविल सप्लाईज के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर संजीव कुमार ने निविदा में त्रुटि के आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए बताया कि शिकायतकर्ता को निविदा नहीं मिली, इसलिए अनर्गल आरोप लगा रहे है।
डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है और संबंधित विभाग को जांच के आदेश दिए गए है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।