भागलपुर। लखीसराय में ट्रेन जलाने के मामले में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष विलक्षण रविदास का नाम आने के बाद सोमवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और उनपर विभागीय कार्रवाई के लिए प्रतिकुलपति को मांग पत्र सौंपा।
परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक आशुतोष सिंह तोमर ने कहा कि लखीसराय ट्रेन जलाने वाले गिरफ्तार नक्सली ने प्रो विलक्षण रविदास का नाम लिया है और उसके पास सबूत के रूप में पत्र भी प्राप्त हुए हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन इनपर विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने कहा कि प्रो विलक्षण रविदास पूर्व में भी नक्सली गतिविधि में संलिप्त रहे हैं। जब वो छात्रावास के अधीक्षक और कुलानुशासक थे तब भी कई प्रकार के नक्सली साहित्य छात्रावास में पाए गए थे। ऐसे व्यक्ति का विश्वविद्यालय या विभाग में किसी भी पद पर बने रहना विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल करती है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने के बजाय इन्हें पद देकर बार बार सम्मानित कर दिया जाता है। जल्द ही इस मामले को लेकर केंद्र और और राज्य सरकार को भी मेल किया जायेगा। उल्लेखनीय हो कि लखीसराय मामले में गिरफ्तार मोस्टवांटेड नक्सली ने प्रो विलक्षण दास का नाम लिया है। उसके पास से प्रोफेसर के नाम का पत्र भी बरामद किया गया है। विरोध प्रदर्शन में आदित्य राज, अनुज चौरसिया, सौरभ यादव, मयंक, अंकित, दुर्गेश, अमन कुमार, जीवन, मोहित, आकाश, अमित कुमार, शुभम झा, ललन, निर्मल, आशीष एवं अन्य एबीवीपी कार्यकर्ता शामिल थे।