नई दिल्ली।
अनुमति के बिना गुरुवार को किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रपति भवन तक मार्च पर निकले कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित वरिष्ठ नेताओं को मंदिर मार्ग थाने पर हिरासत में ले लिया गया। हालांकि आधे घंटे के बाद नेताओं को छोड़ दिया गया। कांग्रेस ने विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी। पुलिस ने धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए नेताओं को मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गई। इस तरह मार्च निकालना कानून के खिलाफ है। फिर मार्च पर जाने पर अड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार लोकतंत्र का हवाला देती है पर किसी को लोकतांत्रिक अधिकार नहीं देती है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंक का रूप बताया जाता है। सरकार जनता की आवाज नहीं सुनना चाहती है। आवाज उठाने पर दमन का रवैया अपनाती है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि किसानों की समस्याओं का हल तभी निकलेगा जब सरकार उनसे संवाद करेगी। किसानों को बरगलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार अगर हर बात के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराएगी तो फिर कोई कितनी सफाई देगा।
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के समर्थन में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा
वही इस दरमियान राष्ट्रपति से मुलाकात कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन समर्पित करने के उपरांत राहुल गांधी ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है यह अब कल्पनाओं में रह गया है।