रांची। निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सुमन कुमार सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में कई खुलासे हुए हैं। ईडी सूत्रों ने बताया कि सीए सुमन कुमार सिंह ने दो जिलों के खनन अधिकारियों को अपनी पसंद के जिले में पोस्टिंग की पेशकश की थी। इसके लिए उसने पैसे की भी मांग की थी।
ईडी के समक्ष दो जिला खनन पदाधिकारियों (डीएमओ) ने स्वीकार किया था कि सुमन सिंह ने उन्हें बुलाया था और अपनी पसंद के जिले में पोस्टिंग की पेशकश की थी, लेकिन इन जिला खनन अधिकारियों ने ईडी को बताया कि उन्होंने सुमन सिंह की पेशकश को अस्वीकार कर दिया और उन्हें कभी कोई राशि नहीं दी। उन्होंने यह भी कहा कि सुमन सिंह ने उनसे खुद संपर्क किया था। यह खुलासा सुमन सिंह के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच के दौरान हुआ।
ईडी ने सुमन सिंह और जिला खनन अधिकारियों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए डिजिटल साक्ष्य हासिल किए हैं। सूत्रों ने बताया कि कम से कम एक खनन विभाग के अधिकारी पर कुछ नकदी हस्तांतरित करने का संदेह है।ईडी ने जांच के दौरान कई जिला खनन विभाग के अधिकारियों से पूछताछ की है। इनमें साहिबगंज के डीएमओ बिभूति कुमार, दुमका डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कू, पाकुड़ के डीएमओ प्रदीप साह, खूंटी के डीएमओ नदीम सफी, चतरा के डीएमओ गोपाल कुमार दास, पश्चिम सिंहभूम के डीएमओ निशांत अभिषेक , सरायकेला-खरसावां के डीएमओ सनी कुमार और पूर्वी सिंहभूम के डीएमओ संजय शर्मा शामिल हैं।
खनन अधिकारी के रूप में उनके आचरण से संबंधित विशिष्ट सामग्रियों के अलावा, उनमें एक बात सामान्य है कि वे सुमन सिंह के संपर्क में थे। इसका खुलासा सुमन सिंह की कॉल डिटेल के जांच से हुआ है। दूसरी ओर पूर्वी सिंहभूम के डीएमओ संजय शर्मा ने पेशी के लिए ईडी से समय की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने बीते छह मई को एक साथ पूजा सिंघल के करीबियों के 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 19.31 करोड़ रुपये सहित कई दस्तावेज बरामद किए गए थे। इस मामले में बीते 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। यह छापेमारी मनरेगा घोटाला में हुई थी। जांच के क्रम में यह मामला धीरे-धीरे मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध माइनिंग तक पहुंच चुका है। मामले में लगातार ईडी पूछताछ और छापेमारी कर रही है।