नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में शामिल संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को गैरकानूनी संस्था घोषित करते हुए उस पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है।
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पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका की वजह से कई दिनों से सरकारी एजेंसियां जांच कर रही थीं। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देशभर में इस संगठन के तमाम ठिकानों पर छापे मारे। इस पर बवाल भी मचाया गया।
कल (मंगलवार) सात राज्यों में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापा मारकर170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद इनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले भी 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा गया था। पीएफआई के खिलाफ पिछले गुरुवार से शुरू इन छापों में जांच एजेंसियों को अहम सुबूत हाथ लगे हैं।उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने सोमवार-मंगलवार आधीरात को एक साथ छापे मारे। इस कार्रवाई में सबसे अधिक 75 लोगों को कर्नाटक से हिरासत में लिया गया।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक छापों में मिले साक्ष्यों के आधार पर राज्य पुलिस अलग-अलग एफआईआर दर्ज करेंगी। एनआईए ने इस मामले में पांच नए केस दर्ज किए हैं। एनआईए पहले से पीएफआई के खिलाफ 14 मामलों की जांच कर रही है और 355 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ईडी ने पीएफआई के खिलाफ मनी लांड्रिंग के दो नए केस दर्ज किए हैं और दो केस की पहले से जांच कर रही है।
केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर बैन का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने किया स्वागत
विहिप ने बताया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) भारत विरोधी विभिन्न रूप से गतिविधियों में संलिप्त कई जिहादी संगठनों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। छानबीन करने पर ऐसा पाया गया की पीएफआई कई वर्षों से भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त आतंकी संगठनों को भारत में आतंक फैलाने एवं अन्य गतिविधियों को चलाने के लिए उन संगठनों को आर्थिक सहायता मुहैया कराती थी।
यह काम कई वर्षों से चलता आ रहा था। जिसके कारण से भारत में आतंकी संगठनों ने हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया तथा पिछले कई वर्षों से भारत में बहुत ज्यादा जान माल का नुकसान हुआ एवं देश का माहौल बिगड़ गया। ऐसी आशंका की जा रही थी कि यह संगठन पूरे देश में संदिग्ध गतिविधियां चला रहा है।