रांची। राज्य सरकार ने रांची के उपायुक्त रहे छवि रंजन के खिलाफ दो मामलों की जांच का आदेश दिया है। कार्मिक, प्रशासनिक विभाग ने यह आदेश रांची के बड़गाईं में सेना के कब्जे वाली जमीन और हेहल अंचल के बाजरा मौजा की जमीन के मामले में दिया है।
छवि रंजन पर आरोप है कि उनके डीसी रहते बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की सेना के कब्जे वाली एमएस प्लॉट संख्या 557 की 4.5 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री हुई। दूसरा मामला हेहल अंचल के बजरा मौजा के खाता नंबर 140 की 7.16 एकड़ जमीन से जुड़ा है। इस जमीन की रजिस्ट्री से पहले आईएएस छवि रंजन के निर्देश पर एक साथ 83 साल का लगान रसीद काटा गया था।
इस जमीन पर हूल दिवस के दिन रात के अंधेरे में पुलिस की मौजूदगी में चहारदीवारी करवायी गयी थी। चहारदीवारी करने के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन डीसी छवि रंजन के गोपनीय कार्यालय से आदेश जारी किया गया था। वर्तमान में छवि रंजन समाज कल्याण निदेशालय में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार हेहल अंचल के बजरा मौजा की जमीन के मामले में कहा गया है कि उपायुक्त रहते छवि रंजन द्वारा पारित आदेश पूरी तरह से गैरकानूनी, संदेहजनक और आपराधिक साजिश का मामला प्रतीत होता है। आरोप को लेकर पूर्व में भी प्रमुख सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड से मंतव्य मांगा गया था, जो अब तक नहीं मिला है। बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की जमीन सेना की कब्जे में है। इस जमीन के मामले में कहा गया है कि उपायुक्त रहते हुए छवि रंजन द्वारा अनियमितता बरती गयी और रजिस्ट्री करा दी गयी, जो कि एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।