Patna: मणिपुर के वर्तमान माहौल को जानने के लिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं के वहां जाने पर पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने तंज कसा। उन्होंने रविवार को यहां कहा कि विपक्षी गठबंधन के सांसदों को पश्चिम बंगाल भी जाना चाहिए, जहां पंचायत चुनाव के दौरान हुई व्यापक हिंसा में 100 से ज्यादा कार्यकर्ता मारे गए और महिलाओं के साथ बर्बरता हुई। वहां भाजपा के ही नहीं, कांग्रेस, माकपा के भी लोग हिंसा का शिकार हुए और लोकतंत्र का चीरहरण हुआ।
मोदी ने कहा कि बंगाल की चुनावी हिंसा रोकने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और केंद्र सरकार को वहां केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां भेजनी पड़ीं। इसके बावजूद विपक्षी सांसदों ने केवल मणिपुर को टार्गेट किया। उन्होंने कहा कि हत्या, बलात्कार और बर्बर घटनाएं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी हुईं लेकिन विपक्षी गठबंधन ने इन राज्यों के पीड़ितों से जाकर मिलना जरूरी नहीं समझा। साथ ही कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर एक सप्ताह से बाधित संसद को अब विपक्षी गठबंधन के लोग चलने दें, ताकि जनहित के विधायी कार्य पूरे हो सकें।
सुशील मोदी ने कहा कि जब लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति मिल गई है, तब सदन को ठीक से चलने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी में भगदड़ टालने के लिए पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों से मिल रहे हैं और मंत्रियों के घर भी जा रहे हैं। जिस नीतीश कुमार ने सत्ता के 17 साल में कभी अपनी पार्टी के वर्तमान सांसदों-विधायकों को भी मिलने का समय नहीं दिया, आज वही पूर्व सांसदों-विधायकों से वन-टू-वन में मिल रहे हैं। जाहिर है कि दल में सब-कुछ ठीक नहीं है।