Patna News: उत्तर बिहार के लगभग सभी जिलों और नेपाल के तराई क्षेत्र में बीते दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। शनिवार दोपहर 12 बजे तक कोसी बराज पर 05 लाख 07 हजार 690 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है। पानी के दबाव को देखते हुए बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं।
नदी में इतना पानी 56 साल बाद आया है। यह 1968 में नदी के सबसे अधिक फ्लो से सिर्फ 01 लाख क्यूसेक कम है। दूसरी ओर नेपाल से सटे पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 03 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है जो 05 लाख 93 पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। यहां 21 साल पहले इतना पानी आया था। यह 2003 के फ्लो लेवल से थोड़ा ही कम है। दोनों नदियों में पानी शुक्रवार को ही बढ़ गया। गंडक बराज से आज सुबह 11 बजे तक 04 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।
बिहार के शिवहर में बाघमती नदी में भी उफान जारी है। यह खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा गयी है। इसके जलस्तर में वृद्धि जारी है। अररिया जिले में अति वृष्टि के कारण परमान, बकरा, रतुआ, नूना, कनकई,कृष्णा, सुरसर आदि नदियां उफान पर हैं। फलस्वरूप अगल-बगल के इलाकों में नदी का पानी फैल गया है, जिसके कारण जिले के दर्जनों गांव में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं। निचले इलाकों में पानी फैलने के कारण लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
जिला प्रशासन निचले इलाकों में फैले पानी को लेकर आमलोगों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने की अपील कर रहे हैं। साथ ही बाढ़ जैसे हालात में फंसे ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुट गई है। डीएम अनिल कुमार, एसपी अमित रंजन, एसडीएम अनिकेत कुमार, सदर एसडीपीओ रामपुकार सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने जोकीहाट, पलासी प्रखंड सहित अन्य प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली।
सुपौल में कोसी नदी में जलस्तर में वृद्धि और भीमनगर बराज से 06 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने तटबंध के भीतर रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। साथ ही तटबंध के भीतर स्थित स्कूलों को बंद रखने का भी आदेश जारी किया गया है।
कोशी नदी में नेपाल के द्वारा काफी मात्रा में पानी छोड़ने के बाद पूर्णिया में भी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति से सतर्क करने के लिए पूर्णिया प्रशासन ने लेटर जारी कर अलर्ट जारी किया है। लेटर में कहा गया है कि आपलोग कल सुबह नौ बजे तक अपने घर को छोड़कर ऊंचे चयनित स्थलों पर चले जाए। साथ ही कोई भी नाविक मछली मारने के लिए नाव को नदी में ना उतारें।
नेपाल के सप्तकोशी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार
पुलिस कार्यालय सुनसरी (नेपाल) से प्राप्त सूचना के मुताबिक, शनिवार सुबह आठ बजे जलस्तर 04 लाख 18 हजार 285 क्यूसेक प्रति सेकेंड मापा गया। नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। जिला प्रशासन कार्यालय सुनसारी ने बताया कि कोशी बराज में लगातार जलस्तर बढ़ने से खतरे के संकेत हैं। सप्तकोशी जलमापन केंद्र ने बताया है कि जलस्तर खतरा बिंदु से ऊपर पहुंच गया है। उदयपुर व सुनसरी के कुछ इलाकों में नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
गंडक बराज के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी, 5 लाख 1 हजार 6 सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया
गंडक बराज द्वारा शनिवार की शाम को 5 लाख 1 हजार 6 सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया, लेकिन अभी भी गंडक बराज के जलस्तर में भारी वृद्धि जारी है।इस सन्दर्भ में गंडक बराज के अधीक्षण अभियंता नवल किशोर भारती ने बताया कि जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को पूर्ण रूप से खोल दिया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि पानी की बढ़ती स्थिति के मद्देनजर गंडक बराज पर तैनात सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि गंडक बराज के जल स्तर में बनी वृद्धि को देखते हुए रात दिन बराज पर कैंप किया गया है।वहीं पल-पल की रिपोर्ट पर नजर रखी जा रही हैं। नेपाल के जल ग्रहण एवं पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही रूक-रूक झमाझम बारिश होने के कारण गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।वही नेपाल के देव घाट से 6 लाख 38 हजार क्यूसेक पानी फोलो किया गया हैं।
जिससे निचले कई इलाकों में फिर से गंडक नदी का पानी फैलने लगा है
वही गंडक नदी से सटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के कक्षा संख्या एम 29 एवं 30 तथा 28 धनहिया दियरा, ठाडी आदि के जंगल में गंडक का पानी और बरसात का पानी फैला रहा है। वन क्षेत्र में बरसाती पानी एवं गंडक नदी का पानी घुसने से वन्य जीव सुरक्षित जगहों की तलाश में ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। गंडक नदी के तटवर्ती गांव चकदहवा,झंडू टोला एसएसबी कैंप, बिन टोली, कान्ही टोला के आलावा ऊत्तर-प्रदेश के शिवपुर, मरचहवा आदि निचले क्षेत्रों में पानी घुसना शुरू हो गया हैं। अभियंता ने बताया कि देर शाम तक 5 लाख से अधिक गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वही एसएसबी के झंडाहवा टोला कैंप के साथ-साथ चकदाहवा,कान्ही टोला व बीन टोली आदि गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। लगभग 600 घरों में शनिवार की अगले सुबह में घुसने के बाद लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप सहित गांव में घुस गया है। पानी बढ़ने के साथ ही लोग अपने माल -जाल के साथ चकदहवा विद्यालय व ऊंचे बांध पर शरण लेने लगे हैं।
एसएसबी 21 वी वाहिनी झंडूटोला के इंस्पेक्टर सह कंपनी कमांड़र राजेन्द्र कुमार ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर शनिवार की अहले सुबह से अचानक बढ़ गया। जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप के साथ-साथ गांव में प्रवेश कर गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए एसएसबी के अधिकारी व जवान नाव द्वारा बचाव कार्य में जुटे गए हैं।