Patna: हाई कोर्ट में मंगलवार को नवादा जिले के रजौली प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर लोमस ऋषि और याज्ञवल्क्य ऋषि पर्वत की गुफाओं को संरक्षित कर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। साथ ही इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए नवादा डीएम की ओर से पर्यटक विभाग के प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र के आलोक में कार्रवाई करने को कहा।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही दायर लोक याचिका को निष्पादन कर दिया गया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। बताते चलें कि लोमस ऋषि पर्वत को बचाने के लिए छपरा गांव के निवासी विनय कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया था। इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट में दिए गए साक्ष्य के अनुसार हाईकोर्ट ने लोमस ऋषि पहाड़ के इर्द-गिर्द चल रहे खनन कार्य को पूर्व में ही बंद कर दिया था।
रजौली के पूर्व एसडीओ चंद्रशेखर ने प्राचीन धर्म ग्रंथो का अध्ययन कर इस इलाके को सप्त ऋषियों की साधना स्थली बताते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अनुशंसा देश- समाज हित में की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने भी अब मुहर लगा दी है । तत्कालीन रजौली एसडीओ चंद्रशेखर आजाद ने डीएम के माध्यम से सरकार को इन इलाकों को सप्त ऋषियों की साधना स्थली मानते हुए पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की अनुशंसा की थी।