-कुलपति बोले, नहीं लूंगा जमानत
Patna: उत्तर बिहार के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक मुजफ्फरपुर स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय (बीआरएबीयू) के कुलपति, कुलसचिव, वित्तीय सलाहकार और वित्त पदाधिकारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के आरोप में विश्वविद्यालय थाना में प्राथमिक की दर्ज कराई गई हैं। आरडीडीई डॉ देवेंद्र कुमार के आवेदन यह प्राथमिक की दर्ज की गई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
विश्वविद्यालय थाना में दिए गए आवेदन के अनुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के भुगतान, स्टेशनरी की खरीदारी, गोपनीय प्रिंटिंग प्रेस, बिना निविदा व इकरारनामा के प्रश्न पत्र की छपाई सहित बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की गई थी। इस मामले को लेकर 27 सितम्बर को ही कुलसचिव को इसमें संलिप्त पदाधिकारी के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश दिया गया था लेकिन उनके तरफ से आनाकानी की गई। इसके बाद कुलपति, कुलसचिव सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
इस बाबत कुलपति डॉक्टर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कहा बिना राजभवन के आदेश के हम लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। इसमें बिना पक्ष जाने पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि हमने लोगों से वादा किया था कि विश्वविद्यालय की हालत बदल दूंगा, 126 दिनों में 50 से अधिक परीक्षा लिया जा चुका हैं। सत्र सुधर रहा है। कुलपति ने सीधे तौर पर कहा कि केस दर्ज हो गई है। आगे जो भी हो, मैं बेल नहीं लूंगा। कुलपति ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कल देर रात यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में छापेमारी करने पहुंची तो लूटपाट की गई और छात्रों को पीटा गया। इस बात की सूचना राजभवन को दे दी गई हैं।
इस बात से आक्रोशित छात्रों ने आज बिहार विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर हंगामा किया और यह आरोप लगाया कि जब पढ़ाई का सेशन सुधार रहा है, कुलपति से लेकर विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी वर्षों से लेट जो सेशन थी चार साल में पूरा होता था ग्रैजुएशन उसको सुधार करने में जुटे हैं तो जानबूझकर शिक्षा विभाग और सरकार के द्वारा सभी को परेशान किया जा रहा है और हम सभी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हमेशा चर्चाओं में रहने वाले बिहार के शिक्षा विभाग ने एक बार फिर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर प्रकरण को जन्म देकर हलचल तेज कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन क्या कुछ कार्रवाई करता है। बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति सहित नामजद अन्य चार कर्मी की गिरफ्तारी होती है या फिर प्रशासन के दखलंदाजी के बीच कुछ हल निकल पाता है। कुलपति ने पुलिस पर छात्रों से मारपीट का जो आरोप लगाया है उस पर क्या कुछ कार्रवाई होती है। फिलहाल बिहार यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर में पूरी तरह से कामकाज ठप हो गया है।
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