Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार शाम संपन्न हुई बैठक में विधायकों-विधानपरिषदों के फंड बढ़ाये जाने समेत कुल 12 एजेंडों पर मुहर लगी। कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि विधायकों-विधान पार्षदों को हर साल मिलने वाले फंड में बढ़ोतरी कर दी गई है। अब सभी विधायक हर साल चार करोड़ रुपये की योजनाओं की अनुशंसा कर सकेंगे। अब तक सभी विधायक-विधान पार्षद तीन करोड़ तक की योजनाओं की अनुशंसा करते थे।
नीतीश सरकार ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रति विधान मंडल सदस्य हर साल तीन करोड़ की सीमा तक योजनाओं की अनुशंसा करते थे लेकिन निर्माण सामग्री में बढ़ोतरी की वजह से पूर्व के प्रावधान में बदलाव किया जा रहा है। अब मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 से प्रति विधानमंडल सदस्य हर साल चार करोड़ रुपये की सीमा तक योजनाओं की अनुशंसा कर सकते हैं।
सिद्धार्थ ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 2500 बेड का बनाया जाएगा। पूर्व से चार सौ बेड के सर्जिकल ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। शेष 2100 बेड के भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 2546 करोड़ 41 लाख रुपये खर्च होंगे। इस राशि से भवन निर्माण के साथ-साथ उपकरणों की खरीद एवं 5 साल तक के लिए रख-रखाव होगा।
कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि दक्षिण- उत्तर बिहार के कुल 61 किलोमीटर सड़क निर्माण को लेकर 234 करोड़ तीस लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। राजगीर में लगने वाले मलमास मेले के लिए 22 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। बिहार आकस्मिकता निधि से पैसा खर्च होगा। वाणिज्य कर विभाग के 9 बड़े अंचल पटना मध्य, पटना दक्षिणी, दानापुर, भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर पश्चिमी तथा सारण अंचल छपरा के विभाजन की स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का नाम बदला गया है। नया नाम होगा विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग। किशनगंज में आठ एकड़ गैर मजरूआ जमीन को नवनिर्मित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रावास निर्माण के लिए निशुल्क हस्तांतरित किया गया है। दरभंगा शहर में जल निकासी के लिए 235 करोड़ 20 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि बुडको को कार्यकारी एजेंसी तय किया गया है।