पलामू। एसीबी की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के सिविल सर्जन डा. जॉन एफ कनैडी को 50 हजार रूपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। जानकारी अनुसार डेढ लाख के बिल भुगतान के एवज में सिविल सर्जन ने एक लाख रूपए बतौर घूस मांगे थे। इसके लिए 50 हजार रूपए की प्रथम किस्त घूस के रूप में ले रहे थे। डा. कनैडी को गिरफ्तार कर एसीबी कार्यालय लाया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जायेगा।
एसीबी की ओर से जानकारी देते हुए बताया है कि बिहार के औरंगाबाद न्यू एरिया निवासी गोल्डन कुमार, पिता वकील कुमार सिंह ने अपने मोबाइल नंबर के द्वारा एक आवेदन देकर बताया था कि इनकी संस्था रसियन हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड है। जिसका जिला स्वास्थ्य समिति पलामू से क्लीनिकल आउटरिच टीम (सीओटी) का मोमोरेंडम ऑफ एन एग्रीमेंट (एमओयू) दो वर्षों के लिए किया गया है। संस्था का कार्य पलामू जिले के आवंटित सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन ऑपरेशन कराना है।
संस्था के द्वारा अबतक किए गए कार्यों की कुल राशि एक लाख 47 हजार का बिल बाकी है। यह भी कहा कि इनके द्वारा कराये गए परिवार नियोजन ऑपरेशन का 10 प्रतिशत केस की जांच डीक्यूएसी के द्वारा किए जाने एवं सही पाये जाने के उपरांत नियमानुसार भुगतान किया जाना है। भुगतान को लेकर जब गोल्डन कुमार जिला कार्यक्रम प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता से मिले तो डीपीएम ने बताया कि सिविल सर्जन डा. जॉन एफ कनैडी ने बोला कि एक लाख रूपए रिश्वत के रूप में देना पड़ेगा, तभी आपके बिल को जमा कर भुगतान एवं एमओयू को रद्द नहीं किया जायेगा। एमओयू की तिथि 6.5.2022 तक थी।
16 सितंबर की सुबह 9 बजे गोल्डन डा. जॉन एफ कनैडी के आवास पर उनसे मिले। सिविल सर्जन ने कहा कि एक लाख रूपए दे दो तब तुम्हारा बिल जमा लिया जायेगा। साथ ही किए गए कार्य की जांच के पश्चात बिल का भुगतान कर दिया जायेगा एवं एमओयू संबंधित नये आदेश निर्गत कर दिया जायेगा। इस आदेश को दो वर्ष तक बदला भी नहीं जायेगा। वादी रिश्वत देकर कार्य नहीं कराना चाहता था।
एसीबी की जांच में आवेदन सही पाया। मामले में सिविल सर्जन डा. जॉन एफ कनैडी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पलामू थाना में मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। धावादल का गठन कर नामजद आरोपित डा. जॉन एफ कनैडी को चर्च रोड स्थित आवास से 50 हजार रूपए रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया।