पलामू।
इलाके में लंबे अर्से की चुप्पी के बाद एक बार फिर से पलामू -चतरा के बॉर्डर पर माओवादी नक्सलियों की धमक बढ़ गयी है। नक्सलियों की यह चहलकदमी मुख्य रूप से चतरा-पलामू के बॉर्डर पर देखने को मिल रही है। जानकारी अनुसार इनकी संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है। ये सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। इनके टीम में दो दर्जन से अधिक महिला नक्सली भी शामिल है। नक्सलियों का काफिला टीएसपीसी की राजधानी माने जाने वाले लावालौंग प्रखंड के सौरू- नावाडीह गांव तक पहुंचकर लौट जा रही है। इस क्षेत्र में एक बार नहीं कई बार नक्सलियों का दस्ता देखा जा चुका है। नक्सली क्या योजना बना रहे हैं या किस घटना को अंजाम देने के फिराक में हैं। ये तो किसी को पता नहीं लग पा रहा है। परन्तु इनकी चहलकदमी बढ़ने से क्षेत्र के लोग ख़ौफ़ज़दा है। सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि माओवादी क्षेत्र में कोई बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में हैं। नक्सली के आने की पुष्टि लावालौंग थाना प्रभारी परमानंद मेहरा ने भी है। उन्होंने कहा कि सौरू- नावाडीह गांव में बड़ी संख्या में माओवादियों के आने की सुचना मिली है। ज्ञात हो कि नक्सलियों के टारगेट पर पुलिस के साथ साथ फिलहाल कमजोर पड़ गयी टीएसपीसी के नक्सली व उसके मददगार हो सकते हैं। मालूम हो कि टीएसपीसी संगठन के सक्रिय होने के बाद माओवादी संगठन धीरे धीरे क्षेत्र में कमजोर पड़ गयी और कोल परियोजना से लेकर बीड़ी पत्ता और ठेकेदारों द्वारा मिलनेवाले लेवी पर टीएसपीसी ने कब्जा कर लिया था। जिससे आर्थिक रूप से माओवादी नक्सलियों की कमर टूट गई। परन्तु अब जब टीएसपीसी नक्सली खुद कमजोर पड़ गई है, तो माओवादी संगठन फिर से क्षेत्र में पांव पसारनेे की फिराक में है।