Motihari: चैती छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा के बाद अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया ।मोतिहारी शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रो में भी विभिन्न घाटों की साफ सफाई कर दुल्हन की तरह सजाया गया।जहां पहुंचे छठ व्रतियो ने डूबते भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर अपने परिवार के लिए मंगल कामना की।
पर्व का विशेष आकर्षण रक्सौल के सूर्य मंदिर मोतिहारी के अटल उघान के साथ मोतीझील के किनारे विभिन्न छठ घाट रहा।इसके साथ ही नेपाली शहर वीरगंज के घड़िअरवा पोखरा छठ घाट भी आकर्षण का केन्द्र रहा जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। छठ के गीत के साथ मिट्टी के बने सीरसोपता को छठी मइयां का स्वरूप मानकर पूजा अर्चना करती महिलाएं को देख लोग भावविभोर हो रहे थे।
नदियो के साथ प्रकृति प्रदत्त सम्रागियो के प्रसाद के रूप में प्रयोग होने के कारण यह पर्व प्राकृतिक से प्रेम करने की सीख देता है,साथ ही अटूट आस्था और विश्वास को दर्शाने वाली यह पर्व स्वच्छता के साथ निर्जला उपवास रखने के कारण यह त्याग की भी संदेश देती है,मंगलवार उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही, चैती छठ महापर्व का समापन हो जायेगा।