गिरिडीह।
भाकपा माओवादी संगठन की ओर से घोषित प्रतिरोध दिवस के दूसरे दिन शनिवार की देर रात दस्ते के सदस्यों ने फिर उत्पात मचाते हुए मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिंधवरिया पंचायत के बरागढ़हा बराकर नदी पर स्थित पुल को बम ब्लास्ट कर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस पुल के निर्माण की आधारशिला 26 जनवरी 2018 को रखी गई थी। जिस पर आवागमन चालू था। मालूम हो कि संगठन ने 21 से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है, जबकि 27 जनवरी को झारखंड और बिहार में बंद का आह्वान किया गया है। इसके बाद से ही नक्सली अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। सनद रहे कि बराकर नदी पर बना पुल सिंदवारिया और लुरांगी गांव को जोड़ता था। नक्सलियों के हमले से पूल के बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचा है। इससे दोनों गांव का संपर्क टूट गया है।
मालूम हो कि प्रतिरोध दिवस के पहले दिन नक्सलियों ने जिले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के खुखरा और मधुबन थाना क्षेत्र में दो मोबाइल टावर को उड़ा दिया था। पुल क्षतिग्रस्त की सूचना मिलने पर पुलिस टीम शनिवार की सुबह मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी। घटनास्थल से नक्सलियों के पर्चे भी मिले हैं। इसमें शीर्ष नक्सली नेता किशन दा की रिहाई तथा जेल में उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
उल्लेखनीय रहे कि माओवादियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी की ओर से पूर्व में जेल में बंद नक्सली नेता किशन और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को लेकर प्रतिरोध दिवस मनाने की घोषणा की गई है।
वहीं दूसरी ओर चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत हावड़ा मुंबई रेल मार्ग के डेरूआ व पोसैता रेलवे स्टेशन के बीच पड़ने वाली कारो नदी पुल के समीप भी नक्सलियों ने रेल पटरी को विस्फोट कर उड़ा दिया है। इस घटना को भी शनिवार की देर रात को अंजाम दिया गया। इसके कारण रेल परिचालन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ट्रेनों के परिचालन सिग्नल लाइन से करवाने के लिए गीतांजलि एक्सप्रेस को गोइलकेरा स्टेशन पर रोका गया है। घटनास्थल से डेटोनेटर भी बरामद होने की सूचना है। बताया जाता है कि डाउन लाइन पर आ रही उत्कल एक्सप्रेस के चालक ने गोइलकेरा स्टेशन मास्टर को लाल झंडा लेकर कुछ लोगों के घूमने की सूचना दी थी। इस पर स्टेशन मास्टर ने एहतियात के तौर पर गीतांजलि एक्सप्रेस को स्टेशन पर ही रोक दिया।