बेगूसराय। कलम से राष्ट्रीयता का भाव जगाने वाले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 114वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र ने उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया। राष्ट्रकवि के जन्मभूमि बिहार के बेगूसराय में तो विविध कार्यक्रम चल ही रहा है। आज सुबह से ही ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साहित्यकार से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी व राजनैतिक कार्यकर्ता व आम जन मानस उन्हें नमन कर रहे है। दिनकर की कालजयी रचनाओं को याद किया जा रहा है।दिनकर जी के गांव सिमरिया में राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति द्वारा दो दिवसीय बृहद कार्यक्रम शुरू हो गया है। इसके अलावा विभिन्न संघ-संगठनों तथा जिला के दर्जनों विद्यालयों में छात्रों ने उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत रोशन कुशवाहा, एसपी योगेन्द्र कुमार, डीडीसी सुशांत कुमार, डीपीआरओ भुवन कुमार, तेघड़ा विधायक राम रतन सिंह, सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर, प्रो. सीताराम प्रभंजन, सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर, वरिष्ठ जदयू नेता चितरंजन सिंह एवं रंगकर्मी साहित्यकार अनिल पतंग समेत तमाम अतिथियों ने दिनकर कला भवन में राष्ट्रकवि की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया। इसके बाद स्वर्ण जयंती पुस्तकालय, दिनकर गोलंबर जीरोमाइल, सिमरिया पंचायत भवन के समीप एवं दिनकर जी के आवास पर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
जीरोमाइल स्थित प्रतिमा पर डीएम रोशन कुशवाहा, एसपी योगेन्द्र कुमार, बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक और रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा सहित अन्य लोगों ने माल्यार्पण किया। दिनकर जी के गांव सिमरिया पंचायत-एक के पंचायत भवन समीप स्थित प्रतिमा एवं दिनकर जी के जन्म स्थान पर स्थित प्रतिमा पर पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह, तेघड़ा विधायक राम रतन सिंह, अपर समाहर्ता, सदर एसडीओ, सदर डीएसपी समेत बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोगों ने माल्यार्पण कर अपने सपूत को याद किया।
डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि साहित्य जगत में अमूल्य योगदान के लिए देश हमेशा दिनकर जी को याद करता रहेगा। हम सौभाग्यशाली हैं कि बेगूसराय के उस पावन धरती की सेवा करने का मौका मिला, जहां राष्ट्रगौरव रामधारी सिंह दिनकर ने जन्म लिया। दिनकर जी हम सबके आदर्श हैं, उनके विचारों को सभी लोग आत्मसात करें, उनके बताए रास्तों पर चलें, उनकी कविताओं रचनाओं में दिए गए विचार का श्रवण करें, अपनेेे जीवन में उतारें।