रांची। बिजली वितरण के ट्रांस मिशन लाइन तैयार नहीं होने के कारण अब एनटीपीसी चतरा पावर प्लांट का ट्रायल जुलाई माह में हेागा। प्लांट को विधिवत शुरू करने में भी समय लगेगा। पहले इस वर्ष मार्च में ही प्लांट का ट्रायल किया जाना था, जिसे टाल दिया गया। बताया जाता है कि ट्रांसमिशन लाइन तैयार होने में कुछ समय लगेगा।
पावर प्लांट के लिए चतरा से टंडवा तक संचरण लाइन का निर्माण किया जाना है। तकनीकी कारणों में निर्माण कार्य में समय लग रहा है। ऐसे में ट्रांसमिशन लाइन पूरा होते, प्लांट शुरू किया जायेगा। फिलहाल, प्लांट के लिए तीस किलोमीटर तक संचरण लाइन बनकर तैयार है। इस पावर प्लांट में तीन यूनिट है, जहां से 1950 मेगावाट बिजली उत्पादन होना है। इससे राज्य को लगभग 450 से 500 मेगावाट बिजली मिलेगी।
सेंट्रल इलेक्ट्रिक अथॉरिटी ट्रांसमिशन संचरण लाइन पर काम कर रही है। हर एक यूनिट से 800 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, कंपनी की ओर से अभी प्रति यूनिट 650 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, 1450 मेगावाट केंद्रीय पूल में दे दी जायेगी, जिससे अन्य राज्यों को बिजली मिलेगी।
पतरातू थर्मल पावर प्लांट साल 2024 में शुरू किया जायेगा
पतरातू थर्मल पावर प्लांट साल 2024 में शुरू किया जायेगा। ये राज्य का पहला ऐसा पावर प्लांट होगा जिसकी क्षमता 4000 मेगावाट होगी| एनटीपीसी की ओर से प्लांट में कार्य जारी है। सूत्रों की मानें तो दो साल कोरोना लॉकडाउन के कारण प्लांट में काम प्रभावित हुआ है। जिसके कारण काम पूरा होने में समय लग रहा है| जानकारी हो कि बीतें बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य के पावर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की थी। जहां पीएम ने राज्य में एनटीपीसी चतरा और पीटीपीएस की सभी बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया था।
अलग-अलग चरणों में प्लांट का काम पूरा किया जाएगा| इसके लिये पहले चरण में 2400 मेगावाट पर काम जारी है| जिसमें 800-800 मेगावाट के तीन यूनिट निर्माणाधीन है। योजना के अनुसार दूसरे चरण के तहत 1600 मेगावाट पर काम किया जायेगा। साल 2015 में जेबीवीएनएल ने एनटीपीसी के साथ समझौता किया गया था।