पटना।
बिहार के मंदिरों एवं मठों के नाम पर दान दी गई जमीन का स्वामित्व अब मंदिर के देवता के नाम पर होगा। इसको लेकर ऐसी जमीन की पहचान की कवायद शुरू कर दी गई है। प्रदेश के 20 जिलों में विशेष सर्वेक्षण का काम चल रहा है। प्रदेश के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद से विमर्श के बाद निर्णय लिया है कि दान में मिली जमीन किसी व्यक्ति या निजी संस्था के नाम नहीं रहेगी। विधि मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में मंदिर मठों की जमीन के प्रबंधन की रणनीति बनाई गई है। सर्वेक्षण से ऐसी जमीनों को चिन्हित कर सारी संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र देवताओं के नाम निर्गत होगा। इससे लेकर धार्मिक न्यास की तरफ से एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें जमीन का पूरा विवरण अपलोड किया जाएगा। पोर्टल का लोकार्पण बहुत जल्द किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में ऐसे मंदिरों की जमीन का विवरण अपलोड करने के लिए 1 माह का समय दिया गया है पटना जिले में 50 एकड़ जमीन केवल राम जानकी या वैष्णव मठों के नाम से है। कबीर और शिव मठों के नाम भी संपत्ति है। वैशाली में 120 मंदिरों के पास सैकड़ों एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। इसके बाद जमीन पर काबिज भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा । मालूम हो कि वर्ष 1905 के बाद पहली बार मंदिर मठों की जमीन का सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
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