पटना।
बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार सोमवार को सातवीं बार शपथ लेंगे। रविवार को हुई एनडीए विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौधरी के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने उनके पेशकश को स्वीकार कर लिया। राजभवन से बाहर आने के बाद नीतीश ने पत्रकारों को बताया कि वे कल दोपहर बाद शाम 4:30 बजे शपथ लेंगे। राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के दौरान इंसान पार्टी के नेता मुकेश साहनी व हम के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी उनके साथ थे। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल भी मौके पर मौजूद थे। इसके पहले एनडीए विधायक दल में नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
सातवीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लेंगे नीतीश कुमार
नीतीश कुमार सोमवार को सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। पहली बार मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार की ताजपोशी 2003 में महज 7 दिनों के लिए हुई थी। शपथ के बाद बहुमत नहीं होने के कारण उनकी सरकार गिर गई थी। वहीं दूसरी बार 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। सीएम के तौर पर उनकी तीसरी बार ताजपोशी 26 नवंबर 2010 को हुई। इस बार उन्हें जनता का अपार समर्थन मिला था। हालांकि बाद में कार्यकाल पूरा होने के पहले ही उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यह वही समय था जब नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को एनडीए का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में एनडीए से बाहर होने का फैसला किया था। इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच बिहार में जदयू का लगभग सफाया हो गया। पुलिस तो उन्हें मात्र 2 सीटें आई। हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। साथ ही जीतन राम मांझी को पहली बार बिहार के सीएम की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। चौथी बार नीतीश कुमार ने 22 फरवरी 2015 को कुर्सी संभाली। उन्होंने हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी को हटाकर मुख्यमंत्री पद पद की शपथ ली। इससे नाराज होकर मांझी ने जनता दल यूनाइटेड से रिश्ता तोड़ लिया और खुद अलग पार्टी बना ली। पांचवी बार नीतीश कुमार 20 नवंबर 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री बने। इस बार उन्होंने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा पुलिस तो मगर बाद में राजद से उन्होंने नाता तोड़ लिया। इसके बाद एक बार फिर उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की पेशकश की। 27 जून 2017 को उन्होंने छठी बार बिहार की कमान संभाली।