पटना: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने सोमवार को बिहार में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित आठ ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान टीम ने पटना के फुलवारीशरीफ इलाके से एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, एनआईए की टीम को पीएफआई से जुड़े लोगों की आतंकी साजिश के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद टीम पूरी तरह अलर्ट हो गयी और बिहार के विभिन्न जिलों में लगातार छापेमारी कर पीएफआई से जुड़ें लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया। बिहार में पिछले कई दिनों से एनआईए की छापेमारी चल रही है। इसी क्रम में आज फुलवारीशरीफ इलाके से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम तनवीर रजा उर्फ बरकती और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन बताए गए हैं।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक पीएफआई के सदस्य बिहार के फुलवारीशरीफ इलाके में अपनी योजनाओं को लेकर चर्चा करने के लिए इकट्ठे हुए थे। इससे पूर्व बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में छापेमारी करके वहां से दो लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इससे पहले भी एनआईए की टीम ने कई लोगों को गिरफ्तार करके प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से संबंधित लेख और दस्तावेज भी जब्त किये थे।
इस मामले को लेकर 12 जुलाई, 2022 में ही फुलवारीशरीफ थाने में शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद एनआईए इस मामले की जांच कर रही है।
एनआईए ने फुलवारीशरीफ पीएफआई मामले में बिहार में 7वें आरोपी को गिरफ्तार किया
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की साजिश रचने वाले पीएफआई कार्यकर्ताओं पर अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए, एनआईए ने मामले के सातवें आरोपी को रविवार की देर रात जितौरा गांव, जिला मोतिहारी से गिरफ्तार किया है। संदिग्ध की पहचान इरशाद उर्फ मोहम्मद बेलाल के रूप में हुई है, जो साम्प्रदायिक नफरत और दुश्मनी फैलाने के लिए पीएफआई की आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया था। वार्ड 10, बारा चकला, पूर्वी चंपारण, बिहार के हरपुर कहुनी निवासी मोहम्मद शाहिद के पुत्र इरशाद ने अहमद पैलेस, फुलवारीशरीफ, पटना में शारीरिक शिक्षा की आड़ में आयोजित प्रशिक्षण कक्षाओं में भाग लिया था। वह पीएफआई के प्रशिक्षण केंद्रों और गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ था। उसकी निशानदेही पर मुजफ्फरपुर जिले के परसौनी गांव में एक ठिकाने से पीएफआई का एक छपा हुआ बैनर और दो लोहे की तलवारें बरामद हुई हैं।
पिछले साल पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में इकट्ठा होने के मद्देनजर पीएफआई की गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों से जुड़े इस मामले में पहले भी 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। याकूब के रूप में पहचाना गया एक व्यक्ति अभी भी फरार है। उसने हाल ही में एक अपमानजनक और भड़काऊ फेसबुक वीडियो पोस्ट किया था, जिसका उद्देश्य शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करना था। कई FB यूजर्स ने उनके पोस्ट पर भद्दे कमेंट और ट्रोल किए थे।
जांच में आगे पता चला है कि दोनों ने पीएफआई की लक्षित हत्याओं की योजना को अंजाम देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी, जिसके लिए लक्ष्यों की पहचान की गई थी और टोह ली गई थी। उन्होंने पीएफआई प्रशिक्षक याकूब को हथियार और गोला-बारूद सौंपे थे, जो पीएफआई कैडरों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रहा था। इस गिरफ्तारी से इस मामले में कुल 7 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है।