रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों की हुई हत्या की साजिश में शामिल तीन आरोपितों से पूछताछ कर रही है। एनआईए के मुताबिक इन आरोपितों में चार्जशीटेड जहानाबाद जिले के सेवानन सलेमपुर निवासी राधेश्याम यादव उर्फ विमल यादव, लोहरदगा जिले का बुलबुल गांव निवासी सूरजनाथ खेरवार उर्फ गड्डू एवं लोहरदगा के ही इचावटंड गांव निवासी बिशुन दयाल नागेशिया शामिल हैं। तीनों भाकपा माओवादी के नक्सली हैं। पूछताछ में नक्सलियों ने एनआईए को कई अहम जानकारी दी है।उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए आए हुए थे। लातेहार में उस दिन भाजपा की बड़ी सभा थी। 22 नवंबर की शाम को घटना को अंजाम दिया गया था।
इसमें एक आरोपित झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर करने वाला 25 लाख के इनामी नक्सली राधेश्याम यादव उर्फ विमल यादव है। इसने 25 फरवरी को सरेंडर किया था। इसके खिलाफ जहानाबाद में पांच, मसौढ़ी में एक, बारेसाढ़ में तीन, चंदवा में एक, छिपादोहर थाने में एक, गढ़वा के भंडरिया में 12, रमकंडा में एक और तमाड़ में एक कांड शामिल दर्ज है। मिली जानकारी के अनुसार एनआईए की टीम ने बीते बुधवार को तीनों आरोपितों को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया था। एनआईए की ओर से कहा गया कि जांच के दौरान 22 नवंबर, 2019 को लुकुआ मोड़ में वाहन गश्त ड्यूटी पर तैनात चार पुलिस कर्मियों की हत्या, उनके हथियार और गोला बारूद की लूट में तीनों आरोपितों की भूमिका सामने आई है।
इस घटना को अंजाम देने के लिए भाकपा (माओवादी) के रवींद्र गंझू के नेतृत्व में एक विशेष दल का गठन किया गया था। ये सभी माओवादी चूल्हा पानी पर्वत पर पहुंचे और दो-तीन दिनों के लिए बीरजंधा जंगल में डेरा डाला और पुलिस मुवमेंट क्षेत्र की रेकी की और घटना को अंजाम दिया।