नई दिल्ली।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संबंध में राज्यपालो और कुलपतियों के सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सरकार की नहीं अपितु देश की शिक्षा नीति है। इसमें सरकार का दखल कम से कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन दशक के बाद देश की आकांक्षाओं से जुड़ी नीति तैयार की गई है, जिसका स्वागत हर ओर हो रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अध्ययन के बजाय सीखने पर फोकस करती है। पाठ्यक्रम से आगे बढ़कर महत्वपूर्ण सोच पर जोर देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति श्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय संस्थानो का द्वारा खोलन का मार्ग प्रशस्त करती है, ताकि आम युवा भी उनके साथ जुड सके। उन्होंने वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए संदेहो को दूर करने का आह्वान करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने पर व्यापक विचार-विमर्श हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाषा हमारी संस्कृति का अहम अंग है, पर इसे थोपी नहीं जा सकती है। शिक्षा नीति से शिक्षको, छात्रों और अभिभावको के जुड़ने से ही उसका प्रासंगिकता बढ़ती है।