New Delhi: विश्व हिन्दू परिषद ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मांग की है कि ज्ञानवापी ढांचे को हिन्दुओं के हवाले किया जाना चाहिए। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने एक वीडियो संदेश में इसकी मांग की है। उन्होंने कहा कि विहिप का मानना है कि यह नेक कार्य भारत के दो प्रमुख समुदायों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
उन्होंने कहा है कि आधिकारिक और विशेषज्ञ संस्था एएसआई ने काशी में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। ज्ञानवापी संरचना से एएसआई की ओर से एकत्र किए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष का कहना है कि हिन्दुओं को तथाकथित वज़ूखाना क्षेत्र में पाए जाने वाले शिवलिंग की सेवा पूजा करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा वे आह्वान करते हैं कि इंतेज़ामिया समिति ज्ञानवापी मस्जिद को सम्मानपूर्वक किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करे और काशी विश्वनाथ के मूल स्थान को हिंदू समाज को सौंप दे।
उन्होंने कहा कि एएसआई रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर की संरचना का एक हिस्सा, विशेष रूप से पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है। रिपोर्ट यह भी साबित करती है कि मस्जिद ने और सहन के निर्माण में संशोधनों के साथ स्तंभों और स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का पुन: उपयोग किया गया था।
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट कोई अंतिम सबूत नहीं : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शनिवार को कहा कि वाराणसी की अदालत में पेश की गई ज्ञानवापी परिसर की एएसआई सर्वे की रिपोर्ट मामले में कोई अंतिम सबूत नहीं है। बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने एक बयान में कहा कि ज्ञानवापी से संबंधित हिंदू पक्ष और दूसरे संगठन वर्षों से लगातार जनता को गुमराह कर रहे हैं। इसकी ताजा मिसाल एएसआई की वह रिपोर्ट है जो इसने अदालत में दाखिल की है। सर्वे की इस रिपोर्ट को अदालत के ही आदेश पर सभी पक्षों को उपलब्ध कराया गया है। यह रिपोर्ट सभी पक्षों को मामले की तैयारी के लिए उपलब्ध कराया गया है लेकिन विरोधी पक्ष ने इसको मीडिया में गलत तरीके से जारी करके इसका लाभ उठाने का प्रयास किया है।
उनका कहना है कि यह अदालत की अवमानना का भी मामला बनता है। देश की जनता को सीधे-साधे इस रिपोर्ट के जरिए गुमराह करने की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पूर्व जब सर्वे टीम ने वजूखाने में मौजूद फव्वारे को अपनी रिपोर्ट में शिवलिंग करार दिया था, उस वक्त भी विरोधी पक्ष ने इसका खूब प्रचार-प्रसार किया था और जनता को गुमराह करने की कोशिश की थी।