नई दिल्ली।
भारत ने लंबी दूरी की हवा से प्रक्षेपित एंटी रेडिएशन मिसाइल विकसित करने की स्वदेशी क्षमता हासिल कर ली है। इससे भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की सामरिक क्षमता में काफी वृद्धि हो गई है। शुक्रवार को एंटी रेडिएशन मिसाइल (रूद्रम) का पूर्वी तट से दूर सुखोई-30 लड़ाकू विमान से परीक्षण किया गया। जो पूरी तरह सफल रहा। इसकी मारक क्षमता 200 किलोमीटर दूर तक और इसकी लांच गति मैक जीरो 0. 6 यानी ध्वनि की गति से दुगनी है।
भारत में बनाई गई यह पहली स्वदेशी मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। यह मिसाइल दुश्मन के किसी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़कर अपनी राडार लाकर नष्ट कर सकती है। स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल की सफलतापूर्वक परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ ने पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम को भारतीय वायुसेना के लिए विकसित किया है।
फिलहाल मिसाइल डेवलपमेंट ट्रायल में है। ट्रायल पूरा होने के बाद इसे सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में इस्तेमाल किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि चीन के साथ चल रहे गतिरोध के दौरान भारत ने एक पखवाड़े के अंदर सुपर सोनिक मिसाइल, असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो, परमाणु क्षमता वाली शौर्य मिसाइल, लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल, और विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का स्वदेशी बूस्टर के साथ परीक्षण कर पड़ोसियों को चौंका दिया है। पहले से ही घातक मानी जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर हो जाने से वह और भी घातक हो गया है। इसी तरह 800 किलोमीटर दूर तक मार करने में सक्षम परमाणु क्षमता वाली शौर्य मिसाइल भी अब अपनी कारनामे दिखाने के लिए तैयार है।