देश में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेजी से जारी है। हाल ही में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। यह मुठभेड़ नक्सलवादियों के लिए एक बड़ा झटका है और इसने पूरे देश में सनसनी फैला दी है. छत्तीसगढ़ के अलावा, बिहार में भी नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की जांच में पता चला है कि नक्सली संगठन बिहार में फिर से पैर पसारने की कोशिश कर रहे हैं। वे न केवल लेवी वसूल रहे हैं बल्कि नए सदस्यों की भर्ती भी कर रहे हैं।
NIA की जांच में यह भी सामने आया है कि प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) अपने संगठन को पुनर्गठित करने की योजना बना रही है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में तलाशी के दौरान मिले दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पर्चे, पत्रिकाएं और हस्तलिखित पत्र यह दर्शाते हैं कि नक्सली संगठन इन राज्यों में फिर से अपना आधार बनाने की कोशिश कर रहा है।
बिहार में नक्सल कनेक्शन के खिलाफ कार्रवाई
बिहार में भी एनआइए ने नक्सल कनेक्शन को लेकर लगातार छापेमारी की है। 30 अगस्त को की गई छापेमारी में यह जानकारी मिली कि नक्सली संगठन के लिए नई भर्ती की जा रही है और लेवी वसूली का काम भी शुरू हो गया है।
एनआइए की ताबड़तोड़ छापेमारी
एनआइए ने नक्सलियों के खिलाफ बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में ताबड़तोड़ छापेमारी की है। 1 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी की गई। एनआइए की टीम ने दक्षिण 24 परगना, आसनसोल, हावड़ा, नदिया और कोलकाता जिलों में संदिग्धों के आवासों की गहन तलाशी ली। एनआइए ने बताया कि छापेमारी का लक्ष्य भाकपा (माओवादी) के सक्रिय कार्यकर्ताओं और उनके कमांडरों को पकड़ना था, जो नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने में संलग्न थे।
देशभर में नक्सलियों के खिलाफ चल रही यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि सुरक्षा बल और जांच एजेंसियां नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के लिए सजग हैं। एनआइए का यह अभियान न केवल नक्सलियों के खिलाफ है, बल्कि उनके विचारधारा के प्रसार को रोकने का भी प्रयास है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इन प्रयासों के क्या परिणाम सामने आते हैं