जमुई। चकाई पुलिस और सीआरपीएफ ने ज्वाइंट ऑपरेशन में 20 सालों से फरार नक्सली मनोज मरांडी को गोविंदपुर गांव से गिरफ्तार करने में सफल मिली है। नक्सली को सीआरपीएफ और चकाई पुलिस ने शुक्रवार की सुबह ही दबोचा। इसकी पुष्टि जमुई एएसपी सुधांश कुमार ने भी किया है। नक्सली को उसके घर से दबोचा गया। जानकारी के अनुसार तीन साल से ये गुजरात के सूरत में रह कर एक कपड़ा फैक्ट्री में काम कर रहा था। लेकिन इसके बाद भी इसे जमुई में संगठन में मिलिट्री विंग का जिम्मा मिला हुआ था और संगठन विस्तार का काम भी कर रहा था। लिहाजा, मनोज मरांडी की गिरफ्तारी जमुई पुलिस एक बड़ी उपलब्धि मान रही है। क्योंकि सक्रिय रहते हुए ये पिंटू राणा, चिराग दा समेत झारखंड बिहार के कई हार्डकोर के साथ रहकर काम कर चुका था।
जानकारी के अनुसार जमुई एएसपी सुधांश को गुप्त सूचना मिली थी कि फरार नक्सली मनोज मरांडी अपने गोविंदपुर स्थित घर आया हुआ है। इसके बाद सीआरपीएफ और चकाई पुलिस ने उसके घर की घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। एएसपी खुद ही अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। नक्सली मनोज मरांडी के पास से कोई हथियार नही बरामद किया गया है। नक्सली मनोज मरांडी साल 2013 में गिरिडीह में हुए कैदी वाहन ब्रेक कांड में शामिल था। मुठभेड़ में मारे गए इनामी नक्सली चिराग दा के साथ मरांडी ने कैदी वाहन में हमला कर खूंखार माओवादी परवेश दा समेत कई माओवादी को कैदी वाहन से मुक्त कराया था। नक्सली के खिलाफ गिरिडीह के मुफ्फसिल थाना में एक केस दर्ज है। वहीं जमुई के अलग अलग थाना में आठ नक्सली केस दर्ज है। जिसमें तीन चकाई थाना में तो खेरा में दो समेत कई और थानों में केस दर्ज है।