गुमला।
गुरुवार की सुबह जिले के नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ थाना मरवा-केरागानी जंगल में माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की शिनाख्त 15 लाख का इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव के रुप में की गई है। उसके पास से एके 47, आईईडी, समेत कई अन्य सामान बरामद हुए हैं। बुद्धेश्वर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का रीजनल कमेटी मेंबर और सेक्रेटरी कोयल शंख जोन के पद पर था। उरांव झारखंड पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती बना था। वह गुमला जिले के पाकर टोली खटंगा का रहने वाला था।उसपर 109 मामले दर्ज थे। जिसमें गुमला में 81, सिमडेगा में 16 लोहरदगा में चार, लातेहार में छह और गढ़वा जिले में दो मामले दर्ज हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों कि यह बड़ी कामयाबी है।
गुप्त सूचना मिली थी कि बुद्धेश्वर उरांव किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए मड़वा-केरागानी जंगल में अपने दस्ते के साथ मौजूद है। सूचना के आलोक में सुरक्षाबलों के द्वारा सर्च अभियान चलाया गया। सर्च अभियान के दौरान ही माओवादियों ने सुरक्षाबलों को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में नक्सली बुद्धेश्वर मारा गया।
बुद्धेश्वर पूर्व में पुलिस के साथ हुए 12 से अधिक मुठभेड़ में बच निकला था। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए खोज रही थी। लेकिन हर बार भागने में सफल रहता था।हार्डकोर नक्सली बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में आईईडी बम बिछा रखा था।
एसपी हरदीप पी जनार्दनन ने मीडिया के माध्यम से तमाम नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ कर मुख्य धारा से जुड़ें। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं उन्हें प्रदान की जाएगी। फिर भी वे हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते तो उनका अंजाम भी बुद्धेश्वर उरांव जैसा ही होगा। जनार्दनन ने पुलिस को मिली जोरदार सफलता के लिए अभियान में शामिल सभी पदाधिकारियों व जवानों को बधाई दी।
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