3 वर्षों से पुलिस लगातार अफीम की खेती को कर रही ध्वस्त
Nawada: जिले के नक्सल प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के फुलवरिया डैम के उस पार दर्जनों एकड़ वन विभाग के बंजर भूमि पर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती किसके सह पर होती है। यह सवाल पुलिस के लिए चुनौती बना है। सूचना मिलते ही पुलिस इसे नष्ट भी करती है, अज्ञात तस्कर के विरुद्ध प्राथमिक भी दर्ज होती है,लेकिन इसके मास्टमाइंड को खोजना पुलिस के लिए चुनौती बना है ।

आखिर इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर अफीम की खेती किसके शह पर किया जाता है।इस क्षेत्र में नक्सली संगठन टीपीसी उग्रवादी संगठन का तो इसके पीछे हाथ तो नहीं है।अफीम की खेती होना उसे तैयार करके मार्केट में ले जाना यह स्थानीय लोगों के उन गरीब परिवार का काम नहीं हो सकता है। इसके पीछे कहीं ना कहीं कोई उग्रवादी संगठन या फिर बड़ा माफिया इस संरक्षण दे रहा है और करोड़ों रुपए की राशि उगाही कर रही है। इसके पूर्व में भी रजौली में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में तैनात प्रशिक्षु आईपीएस विक्रम सिहाग ने चार दिनों तक इस क्षेत्र में ऑपरेशन चला कर करीब तीन एकड़ वन विभाग की भूमि में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया था उस समय एक हथियार भी बरामद किया गया था।