Motihari: बाइसवीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेशमा वर्मा ने संग्रामपुर मधुबनी तिवारी टोला के चर्चित वायुसेना अधिकारी आलोक तिवारी हत्या मामले में नामजद तीन अभियुक्तों को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को दस दस हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनायी है। अर्थ दंड नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी ।
सजा पानेवालो में संग्रामपुर थाना के कोईरगांवा निवासी गणेश मुखिया के पुत्र शंभू मुखिया, आल्हा मुखिया के पुत्र चंदेश्वर मुखिया तथा रामनाथ मुखिया के पुत्र मुन्ना मुखिया के नाम शामिल है। मामले की सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक साधुशरण सिंह ने दस गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद नामजद तीनों अभियुक्तों को धारा 302/34भादवि में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनायी है।
मामले में संग्रामपुर थाना के तिवारी टोला निवासी मृतक वायुसेना अधिकारी आलोक तिवारी के पिता चंदेश्वर तिवारी ने संग्रामपुर थाना में मामला दर्ज कराते हुए सात को नामजद किया था। दर्ज मामले में कहा गया था कि उसका पुत्र आलोक सेना में वारंट ऑफिसर था। छुट्टी में वह घर आया हुआ था। 7 जनवरी 2022 की संध्या करीब 5.30 बजे घोसियार बाजार नहर के पास उसके खेत में लगे ढठर को नामजद अभियुक्त उखाड़ रहे थे। जब उसका पुत्र ढठर उखाड़ने से मना किया तो नामजद लोग उसे पकड़ लिए तथा खंती से उसके सीने पर प्रहार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी। पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए नामजद तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा। साथ ही अनुसन्धान पुरा कर तीन माह के भीतर ही आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित कर दिया।