केंद्र की मोदी सरकार ने देश में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए एक विशाल योजना बनाई है। 15.39 लाख करोड़ रुपये के इस प्लान के तहत, सड़क और रेलवे सहित विभिन्न मंत्रालयों की 208 बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी के लिए सिफारिश की गई है। ये सिफारिशें पीएम गतिशक्ति पहल के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की ओर से की गई हैं, जिसे 13 अक्टूबर, 2021 को शुरू किया गया था।
सरकार ने अब निजी क्षेत्र को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) पोर्टल तक पहुंच प्रदान करने की योजना बनाई है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने इस विषय पर चर्चा की है, और कहा कि इस साल इसे लागू करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि एनएमपी पर कुछ संवेदनशील आंकड़े हैं जिन्हें उजागर नहीं किया जाना चाहिए, और इसलिए पहचान की जा रही है।
सरकार की इस पहल के तहत अब तक 15.39 लाख करोड़ रुपये की लागत की 208 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है। इनमें से अधिकतम संख्या सड़क परियोजनाओं (101), रेलवे परियोजनाओं (73), शहरी विकास (12), और तेल एवं गैस मंत्रालय से संबंधित 4 परियोजनाओं की है। इस प्रणाली का उपयोग करके बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने में समय और लागत में महत्वपूर्ण कटौती की जा सकेगी।
इस पहल का एक और महत्वपूर्ण पहलू है कि यह लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए एक एकीकृत बुनियादी ढांचा विकसित करने में सहायक होगा। अंतर-मंत्रालयी एनपीजी हर पखवाड़े बैठक करता है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन करता है ताकि व्यापक विकास सुनिश्चित किया जा सके। 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं एनपीजी के माध्यम से संचालित की जाती हैं।
इस योजना से न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजनाएं निश्चित रूप से भारतीय परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेंगी।