झारखंड के बोकारो जिले में भाकपा माओवादियों ने जगह-जगह पोस्टर लगाकर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना दिया है। शुक्रवार शाम को पेंक नारायणपुर और नावाडीह थाना क्षेत्र के पलामू और सारुबेड़ा इलाके में इन पोस्टरों का डर दिखाया गया, जिसमें वोट बहिष्कार की अपील की गई थी।
नक्सलियों का वोट बहिष्कार का आह्वान
मaoवादियों ने अपने पोस्टरों में ग्रामीणों से चुनाव में भाग न लेने की अपील की है। पहले पोस्टर में लिखा गया है, “वोट क्यों? जंगल, जंगल, जमीन से बेदखल करने के लिए वोट का बहिष्कार करें।” इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक संगठनों को एकजुट होकर चुनाव का बहिष्कार करने की बात भी की। माओवादियों ने एक अन्य पोस्टर में बीजेपी को किसान और मजदूर विरोधी बताया है।
भाकपा माओवादियों ने नोटा को बताया चुनावी पर्दा
माओवादियों के एक अन्य पोस्टर में नोटा (नकारात्मक मतदान) को वर्तमान संसदीय व्यवस्था का पर्दा करार दिया गया है। इसके साथ ही बीजेपी को फासीवादी पार्टी के रूप में पेश करते हुए चुनाव बहिष्कार की अपील की गई है। पोस्टर में यह भी लिखा गया है कि किसान विरोधी कृषि कानून और मजदूर विरोधी श्रम कानून बनाने वाली बीजेपी को पहचानें और वोट मांगने आए तो उन्हें बाहर भगाएं।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट गांव के ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की शाम दो लोग बाइक पर सवार होकर गांव में पहुंचे थे और चुनाव बहिष्कार के पोस्टर जगह-जगह चिपका गए। पोस्टरों के माध्यम से नक्सलियों ने ग्रामीणों को चुनाव में हिस्सा न लेने के लिए डराया, जिससे गांव में दहशत का माहौल बन गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब नक्सलियों ने इस तरह का कदम उठाया है। इससे पहले पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर में भी पहले चरण के मतदान के दिन नक्सलियों ने इसी तरह के पोस्टर लगाकर चुनाव बहिष्कार की अपील की थी।
नक्सलियों की चुनौती और पुलिस की प्रतिक्रिया
बोकारो पुलिस ने नक्सलियों के इस कदम को गंभीरता से लिया है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने और ग्रामीणों से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने की अपील की है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन का कहना है कि चुनाव में कोई भी दखल नहीं दिया जाएगा और हर हाल में मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्वक संपन्न कराया जाएगा।