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बीजापुर।
जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र में मुठभेड के दौरान बंधक बनाए सीआरपीएफ के कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने गुरुवार को रिहा कर दिया। जवान को नक्सलियों से छुड़ाने के लिए सरकार ने मध्यस्थता टीम गठित की थी। जिसमें पद्मश्री धर्मपानी सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यद्वक्ष तेलम बोरैया शामिल थे। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के पुष्टि की है। उन्होंने जवान की रिहाई में सहयोग करने वाले समस्त नागरिकों, सामाजिक संगठनों और क्षेत्र की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया है।
नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम गई थी। टीम सहित सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा कर दिया है। जवान की रिहाई के लिए मध्यस्थता कराने गयी टीम के साथ स्थानीय पत्रकारों की टीम भी मौजूद थी। मध्यस्तता टीम के सदस्यों ने तर्रेम थाने में जवान को सौंप दिया है, जिसे तर्रेम के सीआरपीएफ कैंम्प लाया गया, जहां जवान के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। इससे परिवार और सीआरपीएफ कैंप में खुशी की लहर है। मालूम हो की सीआरपीएफ जवान की नन्ही पुत्री ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर आकर अपने पिता की रिहाई की अपील की थी। उल्लेखनीय हो की 3 अप्रैल को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 22 जवान शहीद हो गए थें। जबकि कई नक्सली भी मारे गए थें। इस दौरान नक्सलियों ने कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को अगवा कर लिया था।
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