Khunti: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को बिरसा मुंडा स्टेडियम, खूंटी में आयोजित महिला स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में हुईं शामिल । मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड राज्य की स्थापना को 22साल हो चुके है परन्तु यह चिन्ता एवं दुख की बात है कि आदिवासी समुदाय का सही रुप में जो विकास होना चाहिए था वो नही हुआ ।राज्य स्थापना से लेकर अब अधिकांश बार यहां आदिवासी ही मुख्य मंत्री रहे। आदिवासी विधायक की संख्या भी अधिक रही है।
“मैं ओडिशा की हूं परन्तु मेरे शरीर में खुन झारखंड का है
मुझे झारखंड ने सम्मान स्नेह दिया,मै भुला नही सकता”
उन्होने कहा कि भले ही वो ओडिशा राज्य से आती है परन्तु उनके शरीर में खुन का प्रवाह झारखंड का है। झारखंड राज्य से जो सम्मान और स्नेह मिला है वो इसे कभी नही भुला पायेंगे।इस अवसर पर राष्ट्रपति ने स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का भ्रमण किया और उनके साथ सीधा संवाद किया। सम्मेलन में राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जनजातीय कार्य मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरूता, झारखंड सरकार में मंत्री श्रीमती जोबा मांझी, विधायक कोचे मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा एवं विधायक श्री विकास सिंह मुंडा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कड़िया मुंडा समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।
मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी अपनी स्मिता और पहचान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है।जनगणना में आदिवासी कोड को लागू किया जाना चाहिए।आदिवासी समाज अपनी संस्कृति, सभ्यता, भाषा, परंपरा और पहचान के साथ निरंतर आगे बढ़े। आदिवासियों को पूरा मान- सम्मान और अधिकार मिले, इसका हमने संकल्प ले रखा है । इस दिशा में राज्य सरकार हर मोर्चे पर केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है ।उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय आर्थिक रूप से कैसे समृद्ध हो । इस पर हम सभी को गंभीरता से विचार करते हुए धरातल पर कार्य करना होगा।
आदिवासी अपने पैरों पर खड़ा होने की कर रहे जद्दोजहद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति की उपस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा की पावन भूमि पर आज महिला सम्मेलन का आयोजन हो रहा है । इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के मंत्रीगण एवं अधिकारी गण यहां मौजूद हैं। हम सभी के लिए यह गौरव की बात है। मैं यहां बताना चाहूंगा कि आदिवासियों के लिए केंद्र और राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन उसका जो प्रभाव परिलक्षित होना चाहिए, वह नहीं दिख रहा है। आज भी वे अपने पैरों पर खड़ा होने और आय स्रोत बढ़ाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसे में आदिवासी समाज आर्थिक रूप से कैसे समृद्ध हो, इस पर हम सभी को गंभीरता के साथ मंथन करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड लागू करने और हो, मुंडारी और कुड़ुख़ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की दिशा में पहल करने की मांग की । उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की अस्मिता और पहचान को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है, क्योंकि यह उनके मान -सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है।
केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केन्द्र सरकार झारखंड के बिषय में खुले दिल से काम कर रही ।उन्होने कहा कि खूंटी जिले के दो सौ से अधिक गांव को आदर्श गांव में परिवर्तित करने का काम शुरु किया जा रहा है ।इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार झा, भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राईफेड) के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमती गीतांजलि गुप्ता और महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं हजारों महिलाएं मौजूद थीं।